(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। द रॉयल ईकोल स्कूल में चतुर्थ रॉयल गाला नवरस सेरेमनी का आयोजन किया गया जहाँ विद्यालय के नौनिहालों ने अपनी कला और प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन किया। शनिवार, 19 अप्रैल को आयोजित इस समारोह में नृत्य, नाटक और कविता जैसी विविध कलाओं का संगम देखने को मिला, जिसने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
यह सर्वविदित है कि रॉयल ईकोल एक प्रतिष्ठित डे बोर्डिंग स्कूल है, जो अपने छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। विद्यालय का यह दृष्टिकोण छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें न केवल अकादमिक रूप से सक्षम बनाता है, बल्कि उनकी रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल को भी विकसित करने में सहायक होता है।
स्कूल के डायरेक्टर सिद्धार्थ मालू ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि रॉयल गाला नवरस सेरेमनी का आयोजन पिछले चार वर्षों से सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इस वार्षिक समारोह का मुख्य उद्देश्य विद्यालय के प्रत्येक कक्षा के छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहाँ वे अपनी छिपी हुई प्रतिभाओं को सबके सामने ला सकें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पढ़ाई के साथ-साथ इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों के समग्र विकास के लिए नितांत आवश्यक हैं, क्योंकि यह उन्हें अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति का अवसर देती हैं और उनके व्यक्तित्व को समृद्ध करती हैं।
इस गरिमामय कार्यक्रम में बालाघाट सिवनी लोकसभा की सांसद श्रीमती भारती पारधी और भारतीय जनता पार्टी की जिला अध्यक्ष श्रीमती मीना बिसेन की उपस्थिति रही इन गणमान्य अतिथियों के साथ स्कूल के संचालक संजय मालू सुनील मालू एवं मालू परिवार अभिभावक भी रहे जिन्होंने छात्रों और शिक्षकों को उनके प्रयासों के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया, जो अपने बच्चों के प्रदर्शन को देखकर अत्यंत प्रसन्न और गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। अभिभावकों की यह उत्साहपूर्ण उपस्थिति विद्यालय और परिवार के बीच एक मजबूत बंधन और छात्रों के प्रति उनके अटूट समर्थन को दर्शाती है।
विद्यालय की प्रिंसिपल, डॉ कविता त्रिवेदी ने इस अवसर पर स्कूल की स्थापना और उसके दूरदर्शी लक्ष्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि रॉयल ईकोल की स्थापना वर्ष 2017 में इस उद्देश्य के साथ की गई थी कि छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान की जाए, ताकि वे विश्व के किसी भी कोने में जाएं, तो अपनी विद्या और गुणों के कारण पहचान बना सकें। डॉ त्रिवेदी ने अभिभावकों को एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि उन्हें अपने बच्चों को अपने चश्मे से नहीं दिखाना चाहिए। बल्कि, उन्हें बच्चों की व्यक्तिगत रुचियों और क्षमताओं को पहचानकर, उन्हें अपनी पसंद के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उनका यह प्रगतिशील दृष्टिकोण बच्चों के व्यक्तिगत विकास और उनकी प्रतिभाओं को पोषित करने के महत्व को दर्शाता है।
रॉयल स्कूल के कार्यक्रम में उमड़ा उत्साह, सांसद और भाजपा जिलाध्यक्ष ने की सराहना
रॉयल ईकोल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में उस समय उत्साह का माहौल देखने को मिला जब क्षेत्र की सांसद भारती पारधी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होतीं तो उन्हें लगता कि वह कुछ महत्वपूर्ण चूक गईं। उन्होंने कहा कि रॉयल स्कूल द्वारा आयोजित इस तरह के कार्यक्रम का इंतजार बच्चे और अभिभावक पूरे साल करते हैं। सांसद पारधी ने स्कूल प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि रॉयल स्कूल न केवल बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें ऐसा मंच भी उपलब्ध करा रहा है जिससे वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें।
वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष मीना बिसेन ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे मंच बच्चों को प्रेरणा और एक सकारात्मक छवि प्रदान करते हैं। उन्होंने विशेष रूप से ‘स्कूल चले अभियान‘ को नन्हे बच्चों द्वारा नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करने की सराहना की और कहा कि यह प्रस्तुति अद्भुत और सराहनीय थी।
चतुर्थ रॉयल गाला नवरस सेरेमनी में छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए नृत्य, नाटक और कविता के अद्वितीय प्रदर्शन ने सभी को गहराई से प्रभावित किया। प्रत्येक प्रस्तुति में छात्रों का आत्मविश्वास, समर्पण और कलात्मक कौशल स्पष्ट रूप से झलक रहा था। उनके भावपूर्ण नृत्य, संदेशप्रद नाटक और हृदयस्पर्शी कविताओं ने दर्शकों को भावनाओं के एक सुंदर सफर पर ले जाया। यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच था, बल्कि यह उनकी कड़ी मेहनत और शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन का भी प्रमाण था।

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