कार्यवाही से बचने नदी में डाल दिया कचरा!

 

ग्राम पंचायत पर नहीं रहा किसी का बस, पुण्य सलिला हो रही प्रदूषित

(फैयाज खान)

छपारा (साई)। ग्राम पंचायत छपारा के कर्णधारों को न तो प्रशासन की परवाह है और न सांसद विधायकों का ही डर। ग्राम पंचायत के द्वारा पुण्य सलिला बैनगंगा के किनारे पड़े कचरे को कार्यवाही से बचने के लिये बैनगंगा नदी में ही डाल दिया गया है, जिससे नदी का पानी प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है।

ज्ञातव्य है कि ग्राम पंचायत छपारा के विरुद्ध गंदगी फैलाने को लेकर जिला कलेक्टर के निर्देशों पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अंकुर मेश्राम ने एक जाँच टीम भेजी थी। इस जाँच दल के द्वारा बैनगंगा नदी के किनारे फैल रही गंदगी और कचरा, नदी में फेंके जाने के मामले में संज्ञान लेते हुए पंचनामा बनाकर इसका प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को भेज दिया है।

बताया जाता है कि शुक्रवार को आनन – फानन में ग्राम पंचायत के द्वारा कुछ स्थानों का कचरा उठाया गया और बैनगंगा नदी के किनारे पड़े कचरे को जेसीबी मशीन की सहायता से नदी की दिशा में ही ढकेल दिया गया। इस बात की जानकारी मिलते ही न्यायालय उपखंड मजिस्ट्रेट लखनादौन ने गंभीरता से लेते हुए इस मामले में ग्राम पंचायत छपारा के सरपंच – सचिव के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करते हुए धारा 133 का मामला दर्ज किया है।

बताया जाता है कि इस मामले में ग्राम पंचायत के कर्णधारों को 11 फरवरी को उपस्थित होने का नोटिस ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच के नाम से जारी हुआ है जिन्हें 11 फरवरी को न्यायालय में उपस्थित होकर अपने बयान देने हैं।

ज्ञातव्य है कि 23 दिसंबर 2019 को छपारा ग्राम पंचायत को कचरा फेंकने की जमीन आवंटित कर उन्हें कब्जा भी दे दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी नगर से निकलने वाली गन्दगी, कचरे को बैनगंगा नदी सहित कई स्थानों पर फेंका जा रहा है जिसको लेकर संक्रमण और बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है।

दूषित पेयजल पीने को मजबूर नगरवासी : यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि बैनगंगा तट पर जिस जगह जेसीबी मशीन से भारी मात्रा में गंदगी और कचरे के ढेर को नदी में ढकेला गया है वहीं छोटे पुल पर एक पंप हाउस है जो कि छपारा नगर को पेयजल की आपूर्ति करता है।

ऐसे में नगर वासियों को दूषित पानी पीने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है और कहीं न कहीं दूषित पानी पीने के कारण नगर में संक्रमित रोगों की फैलने की भी संभावना बनी हुई है। नगर वासियों ने इस संवेदनशील मामले में जिला कलेक्टर से मौके का निरीक्षण करवाने की अपेक्षा व्यक्त की है।

 

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