गंदगी से सराबोर होने लगा ऐतिहासिक दलसागर!

 

 

करोड़ों खर्च कर सुधारी गयी थी तालाब की रंगत, धुल रहे वाहन, फेंकी जा रहीं शराब की बोतलें!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। राजेश त्रिवेदी के नगर पालिका अध्यक्ष रहते हुए करोड़ों रुपये खर्च कर शहर के ऐतिहासिक दलसागर तालाब की सूरत बदलने का प्रयास किया गया था, पर वर्तमान नगर पालिका परिषद की कथित अनदेखी के चलते दलसागर तालाब के पेट में अब गंदगी ही गंदगी समाती नज़र आ रही है।

नगर पालिका के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि शहर के ऐतिहासिक दलसागर तालाब का रकबा लगभग पचास एकड़ है। इसके निर्माण के बारे में भी अनेक तरह की कथाएं हैं। कहा जाता है कि इसे राजा दलपत शाह के द्वारा बनवाया गया था।

उमर दराज लोगों ने बताया कि एक समय में दलसागर तालाब के द्वारा सिंचाई का कार्य भी किया जाता था। तालाब के भैरोगंज वाले मुहाने पर एक वॉल्व लगाया गया था जिसके जरिये नहरों में पानी छोड़ा जाता थो जो आगे जाकर परतापुर के खेतों से होते हुए बैनगंगा नदी में समाहित हो जाता था।

लोगों का कहना था कि कालांतर में अब न तो नहरें बचीं और न ही खेती के लिये खाली जमीन ही रह गयी है। दलसागर तालाब से लगकर अब घनी आबादी दिखायी देती है। दलसागर तालाब सिवनी शहर की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक माना जा सकता है। दलसागर तालाब की सुध सबसे पहले तत्कालीन जिला कलेक्टर मोहम्मद पाशा राजन के द्वारा अस्सी के दशक की शुरूआत में ली गयी थी। इस दौरान शहर के लोगों ने इसे साफ करवाने में प्रशासन के कंधे से कंधा मिलाया था।

प्रौढ़ हो रही पीढ़ी का कहना है कि इस समय खादी भवन के बाजू से बहने वाले नाले को पहली बार रोका जाकर इस गंदे नाले के पानी को दलसागर में समाहित होने से रोका गया था। इस नाले को मालू पेट्रोल पंप के सामने से अंग्रेजी शराब दुकान के नीचे के नाले में मिलाया गया था।

इसके उपरांत तत्कालीन जिला कलेक्टर मनोहर दुबे के द्वारा इस तालाब को खाली करवाया जाकर इसका सौंदर्यीकरण का कार्य करवाया गया था। लगभग एक करोड़ से ज्यादा राशि व्यय कर दलसागर का सौंदर्यीकरण प्रस्तावित था, किन्तु यह योजना भी पूरी तरह परवान नहीं चढ़ पायी।

तत्कालीन जिला कलेक्टर पी. नरहरि के द्वारा भी यहाँ के गंदे नाले का पानी दलसागर तालाब में समाहित न हो इसके लिये साढ़े बारह लाख रुपये की स्वीकृति दिये जाने के बाद भी वर्तमान में गंदे नाले का पानी दलसागर ताबाल में बदस्तूर जा रहा है। इस तालाब के किनारे सुबह लोग शौच करते भी दिख जाते हैं।

और तो और इस तालाब के मुहाने पर वाहनों की मरम्मत का काम किये जाने, वाहनों को धोने के कारण वाहनों से निकलने वाला कीट और ऑईल बहकर दलसागर तालाब में समाहित हो जाता है जिससे दलसागर तालाब का पानी प्रदूषित होता दिख रहा है। इस मामले में नगर पालिका परिषद भी पूरी तरह उदासीन ही दिख रही है।

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