कैसे सम्हले शहर का अराजक यातायात!

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। जिला मुख्यालय में हाल के दिनों में यातायात थाने में तीन थाना प्रभारियों का तबादला किया जा चुका है लेकिन कोई भी शहर की तासीर को समझने में समर्थ नहीं रहा है जिसके कारण शहर में आये दिन लगने वाले जाम के हालात से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है।

आये दिन सिवनी शहर की सड़कों पर लंबा जाम लग रहा है जिससे आने जाने वाले परेशान हो रहे है। यातायात पुलिस और नगर पालिका भी इस जाम से निपटने में अक्षम ही साबित होती दिख रही है। जानकारों ने बताया कि उनके द्वारा जिलाधिकारियों एवं पुलिस के मुखिया को शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिये सुझाव भी सोशल मीडिया के जरिए दिये हैं, पर जिला प्रमुखों को इस मामले में संज्ञान लेने की फुर्सत शायद नहीं मिल पायी है।

सोमवार की शाम तकरीबन शाम पाँच बजे जिस वक्त स्कूल कॉलेज और दफ्तर छूटते हैं लगभग इसी समय शहर से काँवड़ यात्रा निकल रही थी। प्रशासन को काँवड़ यात्रा की जानकारी होने के बावजूद रुट डायवर्ट करने और पुलिस के जवानों के इंतजाम किये जाने जैसे कोई इंतजाम नहीं किये गये। इसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ा। छिंदवाड़ा चौक से लेकर कोतवाली तक कोई यातायात पुलिसकर्मी नज़र नहीं आ रहा था।

छिंदवाड़ा चौक पर चार पाँच कर्मी वाहनों को रोककर चालान बनाने में व्यस्त थे तो वहीं कोतवाली के सामने भी वाहन को रोककर हेल्मेट का चालान बनाया जा रहा था। एक किलोमीटर से ज्यादा के इस पॉइंट के बीच कहीं भी व्यवस्था बनाने के लिये पुलिसकर्मी तैनात नहीं थे, जिसका परिणाम वही हुआ जो होना था।

लग गया जाम : अव्यवस्था का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा। एक साथ आधा दर्जन से अधिक बसें और सैकड़ों की संख्या में दोपहिया और तिपहिया वाहन खड़े हो गये थे। सब्जी मण्डी के पास यातायात पुलिस को बेरिकेटिंग कर एक ही रूट से दोनों ओर के वाहन गुजारने थे जैसा कि ऐसी परिस्थिति में होता है लेकिन यह नहीं किया गया था।

कम से कम आधा घण्टा तक लोगों को परेशान होना पड़ा। रही सही कसर कोतवाली के सामने चल रही वाहन चैकिंग ने पूरी कर दी। भारी भीड़ होने के बावजूद पुलिसकर्मी वाहनों को रोककर चालान बनाते रहे जबकि इसी समय कोतवाली से ही कई पुलिसकर्मी बिना हेल्मेट के वाहन चालन करते नज़र आये।

इसे लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति भी की लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। जाम में फंसे लोकेश सिंह राजपूत, नरेश कुमार, ललित प्रजापति आदि का कहना था कि पुलिस जवान पहले खुद हेल्मेट और दूसरे यातायात नियमों का पालन करें उसके बाद जनता से अपेक्षा की जाये।