महाविद्यालय में प्रारंभ किया जाये पत्रकारिता का कोर्स

 

जनभागीदारी की बैठक में लिये गये अनेक निर्णय

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सिवनी की जन भागीदारी समिति की पहली बैठक अध्यक्ष आनंद पंजवानी एवं प्राचार्य डॉ.एस.के. चिले तथा प्रभारी एन.पी. राहंगडाले के मार्गदर्शन में आयोजित की गयी।

इस बैठक में सदस्य के रूप में श्वेता सेवलानी, शाहिद नज़ीर, संजय जैन, विपिन यादव, शंकर माखीजा, सुरेश बाटड़, डॉ.डी.पी. नामदेव, रवि शंकर नाग, अरविंद चौरसिया, सुनील कौशल, पवन अहरवार, ज्योत्सना नावकर, मंजू सराफ, संध्या श्रीवास्तव सहित अनेक लोगों की उपस्थित रही।

इस अवसर पर अध्यक्ष आनंद पंजवानी ने कहा कि उच्च शिक्षा को उच्च स्तर पर ले जाने के लिये यह समिति सक्रिय भूमिका निभायेगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के हर प्राध्यापक अपनी जवाबदारी को अच्छी तरह से निभा रहे हैं, उनका प्रयास निश्चित ही इस महाविद्यालय की गरिमा को बढ़ायेगा। कक्षाएं नियमित लगें और सभी सदस्य इस बात की शपथ भी लें कि महाविद्यालय की जो भी बातें हैं वह अपने तक ही सीमित रखें, जिससे महाविद्यालय की गरिमा बढ़े।

इसी क्रम में प्राचार्य एस.के. चिले ने कहा कि महाविद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी के कारण कुछ कार्य प्रभावित होते हं लेकिन सभी का यही प्रयास होता है कि हम अपने कार्य को लगन – मेहनत के साथ करें।

इस अवसर पर स्वाति सेवलानी ने कहा कि यहाँ पर जर्नलिज्म की संभावना है और सभी स्वच्छता अभियान को लेकर जागरूक हों इसके लिये प्रयास हों। शाहिद नज़ीर ने कहा कि सभी खेलों को लेकर महाविद्यालय में प्रयास किये जायें जिससे खेलों के क्षेत्रों में जिले का नाम रौशन हो।

संजय जैन ने इस अवसर पर कहा कि हर कार्य के लिये हम महाविद्यालय के बजट पर आश्रित न हों और महाविद्यालय का अन्य स्त्रोतों से बजट बढ़ाने के लिये प्रयास करें। इसके लिये एनजीओ, बैंक आदि संस्थाओं से भी संपर्क किया जाये। लाल बिल्डिंग में छात्राओं के लिये कॉमन रूम बनाया जाये जिससे वे अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें।

विपिन यादव ने कहा कि महाविद्यालय में सभी क्लासें नियमित लगें। हेमंत उईके ने कहा कि समाजसेवा के क्षेत्र में भी महाविद्यालय में अध्यापन कार्य प्रारंभ किया जाये जिससे भविष्य में रोजगार मिल सके। देवेन्द्र पटेल ने कहा कि ग्रामीण अंचलों से आने वाले विद्यार्थियों पर परिवहन का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। नियमित क्लास न लगने से उन्हें परेशानी होती है जिसके लिये भी प्रयास किये जायें।

महाविद्यालय में स्टॉफ की कमी को लेकर भूगोल, प्राणी शास्त्र, वनस्पति शास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र सहित अनेक विषयों को लेकर भी प्राध्यापकों ने माँग की, जिस पर मंथन के बाद विचार – विमर्श किया गया। महाविद्यालय की आय एवं खर्चाें को लेकर भी चर्चा की गयी। महाविद्यालय का परिणाम बढ़ाने के लिये डी.आर. डहेरिया, सीमा मर्सकोले, सीमा भास्कर, सविता मसीह, डी.पी. ग्वालवंशी, सी.एस. तिवारी ने भी अपनी बात रखी। इसके साथ ही अध्यापन के लिये उपर्युक्त संसाधन, प्रयोग शाला तथा अग्नि शामक यंत्र के संबंध में भी विस्तार से बात रखी गयी, जिस पर शीघ्र निर्णय लिये जाने की बात कही गयी।