बाजे-गाजे के साथ निकली कलश यात्रा

 

 

कथा का समापन 07 को

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। संसार में कोई ऐसा प्राणी नहीं है जिसने जन्म लिया हो और उसकी मृत्यु न हो। जिसका भी जन्म हुआ है उसको मरना ही पड़ेगा। मरना कोई नहीं चाहता है, लेकिन मृत्यु तो सभी की होना निश्चित है। काल, मृत्यु ने सभी को पकड़ रखा है। इसलिये सभी को सन्मार्ग पर चलना चाहिये।

उक्ताशय की बात बरघाट रोड रेलवे फाटक के समीप स्थित मोती महल लॉन डूण्डा सिवनी में शुक्रवार से आरंभ हुई श्रीमद भागवत कथा महोत्सव में कथा वाचक शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज के शिष्य गीता मनीषी ब्रह्मचारी निर्विकल्प स्वरूप ने श्रद्धालुजनों से कही। कथा के प्रथम दिन शुक्रवार को बाजे – गाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गयी।

महाराजश्री ने आगे कहा कि एक बिच्छू अगर किसी को डंक मारे तो कितना दर्द होता है, ऐसे सैकड़ों हजारों बिच्छू एक साथ काटे तो कितना दर्द होगा। उससे भी कही अधिक दर्द होता है जब मौत आती है। जो आया है सो जायेगा राजा हो या रंक। जिन्होंने अच्छा काम किया है उसकी सद्गति होती है। मृत्यु से मुक्त कराने के लिये ही श्रीमद भागवत कथा का श्रवण आवश्यक है। इससे मृत्यु का भय दूर हो जाता है।

उन्होंने कहा कि चित्त की शुद्धि सिर्फ श्रीमद भागवत कथा से होती है। जो एकग्रता से, तल्लीन होकर, निष्ठा पूर्वक से सुनता है वह अजर अमर हो जाता है। आजकल कथा के पहले ही पूजा – पाठ कथा करने वाले लेन देन तय कर लेते हैं। सब सुनिश्चित हो जाता है, जो पैसे के लोभ से कथा पूजा पाठ कहलाता है।

महाराजश्री ने कहा कि अच्छी दक्षिणा रुपये के लोभ लालच से मान प्रतिष्ठा के लोभ से जो कथा कहता है और सुनता है वह गलत है। कथा धनवानों का विषय नहीं है अपितु यह भक्तों का विषय है। भगवान की कथा विनियम का विषय नहीं है। लेन देन तो व्यापारी करते हैं। शुद्ध मन से जो कथा कहते व सुनते हैं वे कथा के अधिकारी हैं। इंद्रा उपाध्याय ने बताया कि 06 मार्च तक प्रतिदिन दोपहर 03 बजे से शाम 06 बजे तक कथा होगी। शनिवार 07 मार्च को हवन, पूजन व महाप्रसाद वितरण किया जायेगा।