जनपद पंचायत के सीईओ को लेकर मची है रार!
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। जनपद पंचायत का सीईओ कौन रहेगा, इस बात को लेकर काँग्रेस के दो घड़ों में चल रही रार रूकने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में एक पक्ष बीडीओ सुमन खातरकर का बचाव तो दूसरा पक्ष उनकी कार्यप्रणाली में व्याप्त खामियों को उजागर करने का काम करता दिख रहा है।
जनपद पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के उपस्थित रहने के बाद भी बतौर सीईओ एक करोड़ 68 लाख रूपये के भुगतान के संबंध में पूर्व में प्रभारी सीईओ रहीं सुमन खातरकर के द्वारा जिला पंचायत द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस (एससीएन) का जवाब दे दिया गया है।
जनपद पंचायत के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जनपद पंचायत सिवनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा 29 अगस्त को लिखे गये पत्र के आधार पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील दुबे के द्वारा 09 सितंबर को जनपद पंचायत में विकास खण्ड अधिकारी (बीडीओ) के पद पर पदस्थ सुमन खातरकर को वित्तीय अनियमितता के लिये एससीएन जारी किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि इस शो काज नोटिस में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा कहा गया था कि जनपद पंचायत सिवनी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी राम किशन कोरी के पदभार ग्रहण करने के बाद भी उनके द्वारा मनरेगा योजना के अंतर्गत विभिन्न कार्यों में वित्तीय हस्तक्षेप करते हुए 23 से 26 अगस्त को एक करोड़ 67 लाख 63 हजार 585 रूपये का भुगतान कर दिया गया।
सूत्रों की मानें तो इस पत्र में जिला पंचायत के सीईओ ने कहा है कि सुमन खातरकर के द्वारा यह भुगतान नियमों को बलाए ताक पर रखकर किया गया है। यह कृत्य शासन के आदेश की अव्हेलना एवं नियम विरूद्ध स्वेच्छाचारिता का द्योतक है एवं यह वित्तीय अनियमितता एवं आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है।
काँग्रेस के अंदरखाने से छन-छन कर बाहर आ रहीं खबरों पर अगर यकीन किया जाये तो काँग्रेस का एक धड़ा चाह रहा था कि सुमन खातरकर को ही जनपद पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बने रहने दिया जाये, पर यह इसलिये संभव नहीं था क्योंकि उनके स्थान पर राम किशन कोरी के द्वारा स्थानांतरण के बाद पदभार ग्रहण कर लिया गया था।
चर्चाओं के अनुसार प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे के द्वारा 30 अगस्त को सुमन खातरकर को जिले से बाहर स्थानांतरित करने की अनुशंसा किये जाने के बाद भी अब तक उनका तबादला आदेश इसलिये जारी नहीं हो पाया है, क्योंकि काँग्रेस का एक धड़ा इसमें बाधक बनता दिख रहा है।
चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाये तो जनपद पंचायत के सीईओ राम किशन कोरी के द्वारा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखे गये पत्र के बाद जिला पंचायत के सीईओ के द्वारा सुमन खातरकर को कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने से अब काँग्रेस का एक धड़ा बैकफुट पर दिखायी दे रहा है।
जनपद पंचायत के सीईओ के प्रतिवेदन के उपरांत सुमन खातरकर को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब चाहा गया था. सुमन खातरकर का जवाब प्राप्त हो गया है. इसका परीक्षण कराया जा रहा है. परीक्षण के उपरांत विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी.
सुनील दुबे,
मुख्य कार्यपालन अधिकारी,
जिला पंचायत.
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