सिवनी में अस्थायी हैं सिम्सोमीटर, छिंदवाड़ा व जबलपुर में लगेंगे स्थायी
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। 22 नवंबर की रात में आए भूकंप के झटकों का केंद्र कहां था, इस बारे में जो अक्षांश व देशांस भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वेब साईट पर प्रदर्शित हो रहे हैं, उन्हें अगर आधार माना जाए तो भूकंप का अधिकेंद्र एकता कॉलोनी में मिल रहा है।
प्रथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि 22 नवंबर की रात लगभग 01 बजकर 45 मिनिट से सुबह साढ़े आठ बजे के बीच आधा दर्जन झटके रिकार्ड किए गए हैं, जो गंभीर बात मानी जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि सिवनी जिले में तीन सिम्सोमीटर संस्थापित किए गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि वेब साईट पर जो लेटीट्यूट 22.10 एवं लॉगीट्यूट 79.55 प्रदर्शित हो रहे हैं। इसे अगर आप अक्षांश देशांस के जरिए स्थल पता करने के लिए किसी भी वेब साईट पर डालें तो यह एकता कॉलोनी में रिलायन्स पेट्रोल पंप के पास प्रदर्शित हो रहा है। यही कारण है कि सिवनी शहर में लोगों को झटके ज्यादा महसूस हुए।
सूत्रों ने यह भी बताया कि सिवनी में लगाए गए सिम्सोमीटर एक माह के लिए स्थापित गए हैं, इन्हें पोर्टेबल की श्रेणी में रखा गया है। सिवनी में स्थाई तौर पर सिम्सोमीटर स्थापित किए जाने की अभी कोई योजना नहीं है। सूत्रों ने यह भी बताया कि स्थायी सिम्सोमीटर की संस्थापना जल्द ही जबलपुर और छिंदवाड़ा में की जा रही है।
सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में अगर सांसद या विधायक इस बात को प्रभावी तरीके से रखें कि सिम्सोमीटर की संस्थापना सिवनी में किया जाना आवश्यक है क्योंकि लगातार ही यहां झटके महसूस किए जा रहे हैं, तो कुछ हो सकता है। इसका कारण यह है कि छिंदवाड़ा जिले में भूकंप के झटके नहीं के बराबर ही महसूस हो रहे हैं। सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि लगभग एक महीने के उपरांत सिवनी में लगाए गए सिम्सोमीटर्स को निकाल दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि 22 नवंबर की रात 01.45 पर आए भूकंप की तीव्रता रियक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई थी। सूत्रों का कहना था कि भूकंप आने के बाद आफ्टर शाक दो चार दिन में एक से तीन आ सकते हैं, पर सूत्रों ने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया गया कि एक ही रात में लगभग आधा दर्जन आफ्टर शाक आए हैं।
क्या है एपीसेंटर और फोकस!
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि धरती के अंदर जिस स्थान पर भूकंप को मापा जाता है (जैसे सिवनी में 10 किलोमीटर नीचे इसे पाया गया) उसे फोकस कहा जाता है। वहीं, धरती की सतह पर अक्षांश देशांस के जरिए जिस स्थान को चिन्हित किया जाता है उसे एपीसेंटर या अधिकेंद्र कहा जाता है।
(क्रमशः जारी)

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