नशैलों का अड्डा बना जिला अस्पताल, सुरक्षित नहीं रह गये सुरक्षाकर्मी!
(अय्यूबर कुरैशी)
सिवनी (साई)। इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में जन सहयोग से करोड़ों रूपये खर्च किये जाकर बिल्डिंग की सूरत तो सुधारी जा रही है पर अस्पताल की सीरत दशकों से एक ही तरह की बनी हुई है। आये दिन अस्पताल में होने वाले विवाद की कड़ी में बीति रात एक बार फिर अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ।
बुधवार और ब्रहस्पतिवार की दरमियानी रात में जिला अस्पताल के इमरजेंसी प्रभाग में जमकर हंगामा हुआ। बीति रात लगभग एक बजे एक व्यक्ति अपने पाँच साल के बेटे के पेट दर्द की शिकायत के बाद जिला अस्पताल पहुँचा और उसके द्वारा डॉक्टर ड्यूटी रूम में चिकित्सक को न पाकर सुरक्षा कर्मी से चिकित्सक के बारे में पूछा गया।
सुरक्षा गार्ड के द्वारा जब ड्यूटी रूम के बाजू वाले कक्ष में चिकित्सक के होने की बात कही गयी तो पाँच वर्षीय बालक के पिता और अन्य परिजनों के द्वारा उस कक्ष का दरवाजा खटखटाया गया। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद चिकित्सक उठे और उन्होंने मरीज़ को देखने की बजाय सुरक्षा कर्मी को ही भद्दी – भद्दी गालियां दे डालीं।
बताया जाता है कि इसी बीच इस कक्ष के बाजू वाले कक्ष से एक अन्य युवक बाहर निकला। रात में ड्यूटी पर उपस्थित डॉ.प्रवीण ठाकुर के द्वारा बताया जाता है कि उस व्यक्ति से कहा गया कि गार्ड ने मरीज़ के परिजनों को दरवाजा खटखटाने से नहीं रोका इसलिये उसकी पिटाई की जाये।
इसके बाद दूसरा व्यक्ति जो एंबुलेंस चलाने वाला विजय डेहरिया बताया जा रहा है के द्वारा फिल्मी स्टाईल में निजि कंपनी के सुरक्षा कर्मी को मारना आरंभ कर दिया गया। बताया जाता है कि रात में डॉ.प्रवीण ठाकुर और विजय डेहरिया दोनों ही नशे में धुत्त थे। विजय डेहरिया के द्वारा एक हाथ से सुरक्षा कर्मी मनोज श्रीवास की गर्दन पकड़ी गयी और अपने सिर से भी उसके सिर और चेहरे पर मारना आरंभ कर दिया गया।
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार विजय डेहरिया के द्वारा अपना जूता उतारकर सुरक्षा कर्मी मनोज श्रीवास की जमकर पिटाई की गयी। इसके बाद जब डॉ.प्रवीण ठाकुर के द्वारा विजय डेहरिया से कहा गया कि गार्ड को पकड़ो, इसे बांधकर मारते हैं तो गार्ड जैसे – तैसे वहाँ से भागने में सफल हुआ। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
बताया जाता है कि इसके बाद किसी के द्वारा डायल 100 को सूचना दिये जाने पर डायल 100 मौके पर पहुँची तो डॉ.प्रवीण ठाकुर के द्वारा डायल 100 में तैनात पुलिस कर्मियों को लगभग आदेश देते हुए गार्ड मनोज श्रीवास को उठाकर लाने की बात कही गयी। इस मामले में पीड़ित गार्ड मनोज श्रीवास ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि वह रात को कोतवाली शिकायत करने गया था पर पुलिस कर्मियों के द्वारा उसे सुबह आने का मशविरा दिया गया जिसके बाद वह चुपचाप घर लौट गया।
कमरे में थी कोई महिला! : वही अस्पताल में चल रहीं चर्चाओं के अनुसार डॉक्टर ड्यूटी रूम में एक महिला भी मौजूद थी। यह महिला कौन थी, क्या यह बात अस्पताल प्रशासन के संज्ञान में है, इस बारे में इन पंक्तियों के लिखे जाने तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी है।
डरा हुआ है सुरक्षा कर्मी : इधर, सुरक्षा कर्मी मनोज श्रीवास का कहना था कि इस घटना से वह बुरी तरह घबरा गया है। उसका कहना था कि इस तरह के आतंक के माहौल में वह नौकरी नहीं कर सकता है। मनोज के द्वारा इस मामले में कोतवाली में शिकायत दर्ज करा दी गयी है।

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