जानें, क्या है कोरोना वायरस पीड़ित को पकड़ने वाली थर्मामीटर गन!

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। दुनियाभर में कोरोना वायरस का खौफ है। इस वायरस से अब तक 7,980 लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना पीड़ितों की जाँच के लिये थर्मामीटर गन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

दुनिया इन दिनों कोरोना के जानलेवा वायरस से छद्म युद्ध लड़ रही है। अब तक 7,980 लोग इसकी चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं। सुपर पॉवर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्डी ट्रंप ने कहा है कि यह एक युद्ध है जिससे मिलकर लड़ना होगा। कोरोना के साथ इस जंग में एक हथियार बेहद असरदार साबित हो रहा है, उसका नाम है थर्मामीटर गन।

आईये जानते हैं कि क्या है यह गन और कैसे कर रही है काम . . .

कोरोना की जाँच के लिये दुनिया भर में थर्मामीटर गन का इस्ते माल किया जा रहा है। एयरपोर्ट हो या रेलवे स्टेिशन, ऑफिस हो या बाज़ार हर स्थान पर इस गन का इस्तेमाल कोरोना की जाँच के लिये किया जा रहा है। इस इन्फ्रा रेड थर्मामीटर गन के इस्तेमाल से यह पता लगाया जा रहा है कि किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान क्या है। यह गन कुछ फीट की दूरी से ही यह बता देती है कि आपके शरीर का तापमान क्या है।

ऑनलाइन डेटिंग की तरह है थर्मामीटर गन : दरअसल, कोरोना की जाँच के लिये हर व्यक्ति के मुँह में थर्मामीटर रखना अव्यवहारिक और अनुचित होगा। इसीलिये इन थर्मामीटर गन का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि थर्मामीटर गन ऑनलाइन डेटिंग की तरह माना जा रहा है जिसमें आप हमेशा उस पर भरोसा नहीं कर सकते हैं जिसको आप देख रहे हैं या जो आपको मिल रहा है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि शुद्धता के लिये इन गन की कितनी जाँच की गयी है।

थर्मामीटर गन से जाँच के लिये कई शर्तें : विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन गन की प्रयोगशाला में जाँच भी की गयी है तो भी वास्तविक दुनिया काफी अलग और लगातार बदल रही है। इन डिवाइसेस की शुद्धता इस बात पर निर्भर करेगी कि कैसे उनका इस्तेमाल होता है, लोगों से कितनी दूरी पर इन डिवाइसेस को रखा जाता है, ठीक-ठीक कहाँ पर इन डिवाइसेस को लगाया जाता है। साथ ही इन डिवाइसेस को कितनी देर तक लोगों पर इसे लगाया जाता है।

हर मरीज़ को नहीं पकड़ पा रही गन : इन्हीं दिक्कतों की वजह से बहुत से लोग थर्मामीटर गन से जाँच तो कर रहे हैं लेकिन तब भी बहुत से लोग बच निकलने में सफल हो जा रहे हैं। इसी वजह से इन गन के इस्तेमाल की ट्रेनिंग बहुत आवश्यक है। इसके अलावा आपके शरीर का तापमान यह नहीं बताता है कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।

इंसान को तब बुखार आता है जब शरीर को यह अहसास होता है कि कोई घुसपैठिया आया है। इसके बाद इम्यून सिस्टम कुछ केमिकल छोड़ता है और इससे गर्मी बढ़ती है। हालांकि अगर किसी ने दवा खायी है तो उसके शरीर का तापमान कम हो जायेगा। ऐसे मरीज़ों की पहचान थर्मामीटर गन से नहीं हो पायेगी।

थर्मामीटर गन के अलावा कोई तरीका संभव नहीं : यही नहीं कई बार यह थर्मामीटर गन ऐसे लोगों के बारे में एलार्म बजा देती है जिनको बुखार नहीं है। इन दिक्कतों के बाद भी इस थर्मामीटर गन का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जा रहा है। दरअसल, बेहद कम समय में इतनी बड़ी तादाद में लोगों की जाँच का कोई आसान तरीका नहीं है। प्रत्येक की थर्मामीटर या शारीरिक जाँच संभव नहीं है, इसीलिये कई बार सही आंकड़े नहीं देने के बाद भी थर्मामीटर गन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है।

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