कर लें घर के कूलर टंकी चैक!

 

 

जानलेवा डेंगू से बचाव ही बेहतर उपाय

(सादिक खान)

सिवनी (साई)। आपके घर में कूलर और टंकियां तो होंगी ही और लाज़िमी है कि उनमें पानी भी होगा। अगर आपने टंकी कूलर चैक नहीं किये हैं तो आपकी जान पर आफत आ सकती है। ऐसे टंकी, कूलर्स के पानी में जानलेवा डेंगू के लार्वा पनपते हैं।

विशेषज्ञ बताते हैं कि आप खुद भी डेंगू के लार्वा को चैैक कर सकते हैं। ये सामान्यतः 07 दिन पुराने पानी में पनपते हैं। पानी में यदि आपको सफेद – सफेद छोटे कीड़े बिलबिलाते दिखायी दें तो समझ जाईये कि ये मच्छरों के लार्वा हैं, इसमें डेंगू की लार्वा भी हो सकते है। डेंगू के बचाव के लिये घर की टंकी और कूलर्स को 07 दिनों के अंतराल में खाली कर लें और सफाई के बाद नया पानी भरें।

जानकारों का कहना है कि मॉनसून के साथ डेंगू भी दस्तक देता है, क्योंकि डेंगू मच्छर जनित बीमारी है और बारिश का मौसम मच्छरों के लिये अनुकूल होता है। लिहाज़ा मॉनसून में डेंगू मच्छरों से बचाव आवश्यक हो गया है। बारिश होते ही डेंगू मच्छर भी पनपते लगते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा जरुरी है मच्छरों से बचना।

इसके साथ ही जानकारों का कहना है कि इसके लिये अपने घरों के आसपास या घर में पानी बिल्कुल रुकने न दें। टूटे बर्तन या पुराने टायर वगैरह नष्ट कर देने चाहिये, ताकि उनमें पानी न रुक सके। हफ्ते में एक दिन कूलरों का पानी बदलकर सुखाना चाहिये। डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन के समय काटते हैं और रुके हुए साफ पानी में पैदा होते हैं। इसलिये मच्छर भगाने के उपाय दिन में भी करना चाहिये।

शहर में मच्छरों की फौज, लोगों को हलाकान किये दे रही है और नगर पालिका परिषद की फॉगिंग मशीन का अता-पता ही नहीं है। इस बरसात में एकाध दिन ही फॉगिंग मशीन के द्वारा धुंआ उड़ाया गया। लोगों का कहना था कि इस धुंए में कैमिकल की गंध नहीं के बराबर ही थी।

ये हैं लक्षण : स्किन पर लाल दाने होना, आँखों में दर्द होना, डेंगू बुखार में ज्यादा पीड़ा होना, जोड़ांे में दर्द होना, मुँह का टेस्ट बदल जाना, पीठ और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, उल्टी और दस्त के साथ ही साथ ब्लड प्रेशर का कम होना। इस तरह के लक्षण मिलते ही तत्काल चिकित्सक से विमर्श करें।