वक्री हो गये बुध देवता, जानिये राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव!

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। आकाश में बदल रही ग्रहों की चाल न केवल समुद्र या पृथ्वी पर असर डालती है, बल्कि यह हर प्राणी पर भी अपना अच्छा या बुरा प्रभाव छोड़ती है। ऐसा ही एक बड़ा परिवर्तन एक बार फिर होने जा रहा है,जहाँ कुण्डली में बुद्धि का कारक ग्रह गुरुवार यानि 31 अक्टूबर से वक्री हो गये हैं।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार नव ग्रहों में सूर्य को राजा तो बुध ग्रह को राजकुमार की संज्ञा दी गयी है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में बुध बुद्धि का कारक ग्रह माना जाता है। साथ ही ये भी मान्यता है कि कुण्डली में उत्तम बुध की स्थिति व्यक्ति को एक अच्छा व्यापारी, गणितज्ञ, वित्तीय कार्यों में कुशल, अपनी वाणी से लोगों को प्रभावित करने वाला तथा तेज बुद्धि का व्यक्ति बनाती है।

ऐसे समझें बुध को : यह एक तटस्थ ग्रह है जो दूसरे ग्रहों की संगति के अनुसार फल देता है। सौम्य ग्रहों के साथ संबंध बनाने पर अनुकूल और अच्छे फल तथा क्रूर ग्रहों के साथ संबंध बनाने पर अशुभ फल देने में सक्षम होता है। भगवान गणेश बुध ग्रह के कारक देव माने जाते हैं।

बुध की कृपा प्राप्त करने के लिये उत्तम गुणवत्ता का पन्ना रत्न धारण करना चाहिये, लेकिन किसी जानकार की सलाह पर ही साथ ही गाय को हरा चारा खिलाना चाहिये। वहीं बुध ग्रह को मिथुन और कन्या राशि का स्वामी माना जाता है। इसके अलावा बुध मुख्य रूप से सूर्य से योग का निर्माण करता है,जिसे बुधादित्य योग कहा जाता है।

बुध के गोचर का समय व अवधि : अभी चंद दिनों पहले ही यानि 23 अक्टूबर की रात्रि 22ः47 बजे बुध देव ने वृश्चिक राशि में प्रवेश किया है और अब यह 31 अक्टूबर को रात्रि 20ः33 बजे वक्री हो जायेंगे। ये इस स्थिति में 07 नवंबर की शाम 16ः04 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेंगे।

बुध के इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा, जिसमें से कुछ को इस दौरान बड़ा लाभ होने के साथ ही खुशखबरी भी मिल सकती है,तो वहीं कुछ राशियों इस दौरान नुकसान में रहेंगी। ये रहेगा बुध के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव :

मेष राशि : आपकी राशि से बुध अष्टम भाव में स्थित होंगे। कुण्डली के अष्टम भाव को आयुर्भाव कहलाता है। इस भाव से जीवन में आने वाले उतार – चढ़ाव, अचानक से होने वाली घटनाएं, आयु, रहस्य, शोध आदि को देखा जाता है। गोचर के प्रभाव से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। आपके पास धन आयेगा और यदि लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो इस दौरान आपको सफलता मिल सकती है। रहस्मयी चीज़ें आपको अपनी ओर अधिक आकर्षित करेंगी।

वहीं कार्य क्षेत्र में किसी प्रकार की रुकावट आने की भी संभावना है। ऐसी परिस्थिति में धैर्य से काम लें। परिवार में भाई – बहनों को किसी प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गोचर के दौरान अपनी सेहत को लेकर थोड़े गंभीर रहें। बुध का ये गोचर अचानक ही यात्रा करा सकता है।

उपाय : बुधवार के दिन हरी सब्जियों का दान करें।

वृषभ राशि : इस दौरान आपकी राशि से सप्तम भाव में बुध प्रवेश करेंगे। ज्योतिष में कुण्डली के सातवें भाव से व्यक्ति के विवाह स्थान माना किया जाता है। इस समय लव पार्टनर के साथ प्यार भरी बातों से प्रेम संबंधों में और भी ज़्यादा मज़बूती आयेगी जबकि विवाहित जातकों के वैवाहिक जीवन में भी ख़ुशियां आयेंगी। जीवन साथी को अपने क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना है। प्रेम जीवन भी ख़ुशहाल होगा। कैरियर की दृष्टि से गोचर शुभ है। इस अवधि में आपको बेहतर अवसर प्राप्त हो सकता है। जॉब में भी परिवर्तन होने की संभावना नज़र आ रही है। साझेदारी में कोई काम या व्यापार कर रहे हैं तो उसमें आपको अनुकूल परिणाम मिल सकता है। प्रेम विवाह होने की संभावना तो है किंतु इसमें कुछ बाधाएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। आर्थिक रूप से ख़र्चों में बढ़ौत्तरी के आसार हैं।

उपाय : श्रीहरि विष्णु की पूजा करें और उनके समक्ष कपूर का दिया जलायें।

मिथुन राशि : इस समय आपकी राशि से बुध षष्ठम भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में षष्ठम भाव को शत्रु भाव कहा जाता है। इस भाव से विरोधियों, रोग, पीड़ा, जॉब, कॉम्पीटीशन, रोग प्रतिरोधक क्षमता, शादी – विवाह में अलगाव एवं क़ानूनी विवादों को देखा जाता है। बुध का यह गोचर आपके लिये बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है। इस दौरान आपको विविध क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन आप अपनी मेहनत के बलबूते इन बाधाओं से पार पा लेंगे। अपनी सेहत पर खास ध्यान देने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा कार्य क्षेत्र में आपको अपने विरोधियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी। वे आप पर हावी होने का प्रयास करेंगे। हो सकता है आपको क़ानूनी केस का सामना भी करना पड़े। कुल मिलाकर कार्य क्षेत्र में बाधाएं आयेंगी। आर्थिक दृष्टि से इस अवधि में ख़र्चों में बढ़ौत्तरी संभव है।

उपाय : बुधवार को गुड़ दान करें।

कर्क राशि : बुध आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। कुण्डली में पंचम भाव को संतान भाव के नाम से भी जाना जाता है। इस भाव से रोमांस, संतान, रचनात्मकता, बौद्धिक क्षमता, शिक्षा एवं नये अवसरों को देखा जाता है। अगर आप एक छात्र हैं और उच्च शिक्षा पाना चाहते हैं तो समय आपके अनुकूल होगा। उच्च शिक्षा के लिये आप विदेश में भी जा सकते हैं। इस अवधि में आप अपनी प्रतिभा को निखारने का प्रयास करेंगे। जीवन साथी के लिये ये गोचर सफलता लेकर आयेगा। इस दौरान आप कोई बड़ा संकल्प ले सकते हैं। संवाद शैली पहले से बेहतर होगी और आप बुद्धिमानी व समझदारी से काम लेंगे। वहीं प्रेम जीवन में लव पार्टनर के साथ संबंध अच्छे होंगे। यदि आप सिंगल हैं और सच्चे प्यार की तलाश में हैं तो इस बीच आपके दिल को कोई अच्छा लग सकता है। उसके साथ नयी रिलेशनशिप की शुरुआत भी हो सकती है लेकिन इस दौरान संतान की सेहत पर ध्यान देना होगा। साथ ही इस दौरान किसी बात को लेकर वैवाहिक जीवन में कुछ गलत फ़हमियों के कारण जीवन साथी के साथ अनबन हो सकती है।

सिंह राशि : आपकी राशि से इस समय बुध चतुर्थ भाव में गोचर कर रहे हैं। कुण्डली के चतुर्थ भाव को सुख भाव माना जाता है। इस भाव से माता, जीवन में मिलने वाले सभी प्रकार के सुख, चल – अचल संपत्ति, लोकप्रियता एवं भावनाओं को देखा जाता है। गोचर के प्रभाव से आपके जीवन में खुशहाली व समृद्धि आयेगी। घर – परिवार के लोगों के साथ समय बिताने का अच्छा अवसर प्राप्त होगा। इस बीच अपनों का साथ आपको प्रसन्नता का अनुभव करायेगा। समाज में आपको प्रसिद्धि प्राप्त होगी। बड़े और समाज के प्रभुत्वशाली लोगों के साथ आपका उठना बैठना हो सकता है। गोचर के दौरान आपकी चल – अचल संपत्ति में वृद्धि होगी। आप कोई प्रॉपर्टी या फिर वाहन आदि ख़रीद सकते हैं। आप अपने कार्यक्षेत्र में आप मन लगाकर कार्य करेंगे। अच्छे कार्य की वजह से आपको अपने सीनियर्स से प्रशंसा मिलेगी।

उपाय : किन्नरों का आशीर्वाद प्राप्त करें।

कन्या राशि : आपकी राशि से बुध इस समय तृतीय भाव में जायेंगे। कुण्डली में तृतीय भाव को पराक्रम भाव भी कहा जाता है। इस भाव से व्यक्ति के साहस, इच्छा शक्ति, छोटे भाई – बहनों, जिज्ञासा, जुनून, ऊर्जा, जोश और उत्साह को देखा जाता है। गोचर के दौरान आपके साहस और आत्म विश्वास में वृद्धि होगी। इस दौरान आप अपने जुनून व संकल्प को लेकर ज्यादा गंभीर रहेंगे। आप निडरता के साथ आगे बढ़ेंगे और बेबाकी से अपने विचार दूसरों के समक्ष रखेंगे। नये लोगों से मिलने के आसार हैं। वैवाहिक जीवन में जीवन साथी की सफलता से आपका सामाजिक स्तर और भी ऊँचा होगा। संवाद शैली बेहतर होगी किंतु आपको अपने क्रोध पर काबू पाना होना अन्यथा किसी के साथ लड़ाई – झगड़ा भी हो सकता है। इस गोचर के दौरान आप अपनी जॉब भी बदल सकते हैं। दोस्तों व रिश्तेदारों की आवश्यकता पड़ने पर आप उनकी मदद कर सकते हैं। इस अवधि में छोटी – छोटी यात्राओं के भी योग हैं। छोटे भाई बहनों को सफलता मिलने की संभावना है।

उपाय : दस मुखी रुद्राक्ष को गले में धारण करें।

तुला राशि : आपकी राशि से इस दौरान द्वितीय भाव में बुध गोचर करेगा। ज्योतिष में द्वितीय भाव से व्यक्ति के परिवार, उसकी वाणी, प्रारंभिक शिक्षा एवं धन आदि का विचार किया जाता है। बुध का गोचर आपके आर्थिक पक्ष के लिये सकारात्मक रहने वाला है। इस दौरान आपको आर्थिक लाभ मिलने की प्रबल संभावना है। बेहतर आर्थिक स्थिति से आप अपने पुराने कर्ज को उतारने में कामयाब होंगे। निजि जीवन में आपको गोचर के कई तरह से लाभ मिल सकते हैं। आपकी वाणी में मिठास आयेगी और अपनी बातों से दूसरों को आकर्षित कर सकेंगे। इस दौरान मुमकिन है कि आपके इस मधुर व्यक्तित्व के कारण आपको कुछ और भी लाभ मिल जायें। कार्य क्षेत्र में मेहनत व लगन के दम पर आपको कैरियर में सफलता मिलेगी। लेकिन ख़र्चों पर नियंत्रण पाने के लिये वित्तीय मामलों में समझदारी दिखाने की ज़रूरत है। ध्यान रहे इस समय वैवाहिक जीवन में जीवन साथी का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। खुद को विवादों से दूर भी रखें। परिवार में ख़ुशहाली आयेगी।

उपाय : भगवान गणेश की पूजा करें और गाय को हरा चारा खिलायें।

वृश्चिक राशि : बुध ग्रह इस समय आपकी ही राशि में गोचर करेगा, जो आपके प्रथम भाव यानि लग्न भाव में स्थित होगा। ज्योतिष में लग्न भाव को तनु भाव कहा जाता है। इस दौरान आपका ध्यान आय के स्त्रोत को बढ़ाने पर रहेगा जिससे कई आर्थिक लाभ भी होंगे। सामाजिक समारोह में आना – जाना हो सकता है। साथ ही इस समय आप विरोधियों का सामना डटकर कर सकेंगे और उन पर हावी रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे और सहकर्मी और सीनियर्स आपके कार्य की तारीफ करेंगे। इस दौरान बुध का गोचर आपके स्वभाव पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस दौरान आपको मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। सेहत के भी नाज़ुक रहने के आसार हैं। भाई – बंधुओं के साथ विवाद संभव, गुस्से पर काबू रखें।

उपाय : बुधवार के दिन श्री विष्णु के मंदिर में कपूर दान करें।

धनु राशि : आपकी राशि से द्वादश भाव में बुध प्रवेश करेंगे। ज्योतिष में यह भाव व्यय भाव कहलाता है। इस भाव से ख़र्चे, हानि, मोक्ष, विदेश यात्रा आदि को देखा जाता है। इस दौरान बिज़नेस या फिर व्यावसायिक मामलों के लिये आप विदेश की ओर रुख कर सकते हैं। यह यात्रा आपके लिये फ़ायदेमंद साबित होगी। इस समय आपका कैरियर का ग्राफ़ ऊपर जायेगा, साथ ही साथ विरोधी पक्ष भी मज़बूत हो जायेगा। ऐसे में उनके कुचक्र में न फंसें। बुध का गोचर आपके आर्थिक पक्ष को सबसे अधिक प्रभावित कर आपके ख़र्चें बहुत बढ़ा सकता है। धन के मामले में किसी पर ज़रुरत से ज्यादा भरोसा करना भी हानिकारक हो सकता है। ध्यान रहे, गोचर के दौरान थोड़ा सम्हल कर रहें, क्योंकि आप इस दौरान विवादों में भी फंस सकते हैं।

उपाय : बुधवार को हरी इलायची दान करें।

मकर राशि : आपकी राशि से बुध एकादश भाव में स्थित होगा। कुण्डली में एकादश भाव को आमदनी का भाव कहा जाता है। इस भाव से आय, जीवन में प्राप्त होने वाली सभी प्रकार की उपलब्धियां, मित्र, बड़े भाई – बहनों आदि को देखा जाता है। बुध का गोचर आपके लिये विभिन्न क्षेत्रों में लाभकारी होगा। इस दौरान आपके द्वारा किये गये प्रयास सफल होंगे। अपने लक्ष्यों को पूरा करने में कुछ रुकावटें आ सकती हैं, लेकिन आप उनका डटकर सामना करेंगे। आर्थिक रूप से भी गोचर आपके लिये लाभकारी रहने वाला है। आय प्राप्ति के साधनों में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है। इस अवधि में आपको भाग्य का साथ मिलेगा और आप आगे बढ़ते रहेंगे। निजि जीवन में मित्रों और बड़े भाई बहनों से आपको किसी तरह का लाभ भी मिल सकता है।

उपाय : गले या बाजू पर विधारा मूल पहनें।

कुंभ राशि : बुध इस समय आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष में दशम भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है। यह भाव कैरियर व प्रोफेशनल, पिता की स्थिति, रुतबा, राजनीति एवं जीवन के लक्ष्यों की व्याख्या करता है। इस समय निजि जीवन में प्रेम और सामंजस्य के बने रहने से संबंध मज़बूत होंगे। इसके साथ ही जीवन साथी को सुखों की प्राप्ति होगी। इस दौरान कैरियर में उतार – चढ़ाव आते रहेंगे हालांकि आप अपनी बुद्धि व समझदारी के बल पर कार्यों में सफलता हासिल कर लेंगे। जो जातक नयी नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें इस दौरान अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी। कार्य क्षेत्र में मिलने वाले परिणाम से आप असंतुष्ट दिखायी दे सकते हैं। राजनीति से जुड़े जातकों के लिये गोचर बहुत ज्यादा अनुकूल तो नहीं है लेकिन अगर आप मेहनत से अपना कार्य कर रहे हैं तो आपको इसमें सफलता मिलने की संभावना है।

उपाय : श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का जाप करें।

मीन राशि : आपकी राशि से बुध का गोचर नवम भाव में होगा। ज्योतिष में नवम भाव को भाग्य भाव कहते हैं। इस भाव से व्यक्ति के भाग्य, गुरु, धर्म, यात्रा, तीर्थ स्थल, सिद्धांतों का विचार किया जाता है। गोचर के दौरान आपका भाग्य चमक सकता है। इस अवधि में आपको आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा। बिज़नेस पार्टनर से भी लाभ की प्राप्ति होगी। किसी ईनाम या एवार्ड के हक़दार भी हो सकते हैं। लेखन कला में अपनी रूचि बढ़ा सकते हैं या फिर उच्च शिक्षा का प्लान भी बना सकते हैं। साथ ही बिज़नेस या शिक्षा के लिये लंबी यात्रा पर भी जाने का योग है। वैवाहिक जीवन में आप जीवन साथी की सफलता से समाज में मान – सम्मान प्राप्त करेंगे। अपने कार्य में आप अपने सिद्धांतों और उसूलों को आगे रख सकते हैं। अपनी माँ की सेहत का खास ख्याल रखें।

उपाय : गाय को हरा चारा व गुड़ खिलायें।