तेरस से पहले ही आरंभ हो जायेगी धन वर्षा

 

 

गुलज़ार होने लगे बाज़ार, ग्राहकी बढ़ने से दुकानदार खुश

(वाणिज्य ब्यूरो )

सिवनी (साई)। रौशनी का पर्व दीपावली 27 अक्टूबर को मनाया जायेगा। इस बार की दीपावली व्यापारियों के लिये खुश करने वाली है। मंगलवार से ही सिवनी के बाज़ार में रौनक बढ़ती दिखने लगी है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार रविवार 27 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जायेगा। रविवार का दिन व्यापारियों के लिये लाभकारी रहता है। 25 अक्टूबर को धन तेरस, 26 को रूप चतुर्दशी अर्थात शारीरिक स्वच्छता का महादिन, 27 को महा लक्ष्मी की पूजा और 28 को गोवर्धन पूजा के साथ सोमवती अमावस्या का स्नान का दिन है।

ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि इस बार माता लक्ष्मी का स्वयं के निजि वाहन हाथी पर सवार होकर आगमन होगा। साथ में उप वाहन उल्लू भी रहेगा। इस दौरान चंद्रमा तुला राशि पर शाम को 04.47 बजे पहुँच जायेगा। यह समय शुभकारी माना गया है। वहीं गृह स्थिति पर विचार करें तो आकाश मण्डल में चतुर्थ ग्रही योग बन रहा है यानि तुला राशि में चार ग्रहों का जमावड़ा रहेगा।

खरीददारी के लिये शुभ फलदायक : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दीपावली पर्व पर खरीददारी के लिये विशेष मुहूर्त के योग बन रहे हैं। 15 से आरंभ होकर खरीददारी का सिलसिला दीपावली पर्व तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र में खरीददारी करना शुभता को और बढ़ाता है। दिलों के राजा सूर्यवार के दिन चित्रा नक्षत्र में प्रदोष काल के समय शुभ के चौघड़िया में 06 बजे से साढ़े 07 बजे शुभ महालक्ष्मी का आगमन होगा।

ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि साढ़े 07 बजे से 09 बजे तक अमृत लक्ष्मी इस रूप में रहेंगी। 09 बजे से साढ़े 09 तक धन लक्ष्मी के रूप में अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगी। रात एक से 03 बजे तक लाभ प्राप्त करने के लिये पूजा करना शुभ रहेगी। इसी प्रकार गोधूलि बेला का मुहूर्त प्रदोष काल में उनके आगमन का विशेष समय है।

वहीं, तांत्रिक क्रियाओं के लिये महानिशा काल रात 12 बजे से प्राप्त होता है। दुकानों, फर्मों में लक्ष्मी पूजन का समय दिन में रहेगा, जो कि 09 बजे से 12 बजे तक और डेढ़ बजे से 03 बजे तक रहेगा। माता का आगमन बहुत ही शुभ माना गया है।

मुहूर्त में किया लेन-देन शुभ : ज्योतिष के जानकारों के अनुसार मुहूर्त ही कार्यों को बल प्रदान करते हैं। मुहूर्त में किया लेन-देन अथवा कोई कार्य शुभकारी एवं मंगलकारी होकर फलित करता है। महा मुहूर्त के पहले अनेक मुहूर्त खरीददारी के बन रहे हैं। धनतेरस के चार दिन पहले पुष्य नक्षत्र का संयोग वर्षों बाद बना है।

धनतेरस का महामुहूर्त 25 अक्टूबर को रहेगा। इसके पूर्व 21 अक्टूबर को दोपहर 02.20 बजे से सोम पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस योग में घरेलू वस्तुओं के अतिरिक्त सफेद वस्तुएं चाँदी, मोती आदि खरीदने का मुहूर्त रहेगा। 22 अक्टूबर को मंगल पुष्य का योग रहेगा। यह योग दिन में 01.58 बजे तक प्रभावी रहेगा। भूमि पुत्र मंगल का पुष्य नक्षत्र से संयोग भूमि, भवन आदि के लिये प्रशस्त माना गया है। लाल वस्तुएं सोना, पीतल के वर्तन भी खरीद सकते हैं।

इसके अतिरिक्त वाहन वस्तु क्रय – विक्रय के लिये 15 के अलावा 19, 20, 25 अक्टूबर को मुहूर्त रहेगा। व्यापार मुहूर्त 19, 25 अक्टूबर और पशु – पक्षियों की खरीदारी 20 अक्टूबर को करें। अन्य दिनों में भी शुभताकारी एवं मंगलकारी सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग आदि रहेंगे। 16, 21 और 22 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। 19, 20 अक्टूबर को रवि योग रहेगा। इन दोनों योगों के दिनों में भी क्रय – विक्रय के अतिरिक्त कोई भी शुभ कार्य की शुरूआत की जा सकती है।

प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन सर्वश्रेष्ठ : ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि दीपावली रविवार के दिन की रहेगी। दीपावली में अमावस्या तिथि, प्रदोष काल, शुभ लग्न व चौघड़िया मुहूर्त विशेष महत्व रखते हैं। इस वर्ष कई संयोग भी बन रहे हैं।दीपावली पर लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में किया जाना सर्वश्रेष्ठ रहता है। कार्तिक मास में पूरे माह व विशेषकर दीपावली पर धन त्रयोदशी से यम द्वितीया तक दीपदान करना फलदायक होता है। ग्रहों के हिसाब से दीप जला सकते हैं। मिट्टी का दीपक सभी देवताओं के लिये उपयुक्त माना जाता है।