(सादिक खान)
सिवनी (साई)। संविधान बचाओ संघर्ष समिति सिवनी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, भीम आर्मी, बहुजन क्रांति मोर्चा, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, यूनाइटेड मुस्लिम फ्रंट आदि सामाजिक एवं राजनैतिक संगठन सम्मिलित हैं।
शनिवार 25 जनवरी गोविंदम रेस्टॉरेंट के ऊपर हाल में हुई प्रेस वार्ता में संविधान बचाओ संषर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि सीएए के माध्यम से भारतीय संविधान के धर्म निरपेक्ष स्वरूप को क्षति पहुँचाने की कोशिश की जा रही है एवं इसका सभी संगठन सामूहिक रूप से विरोध करते हैं।
पत्रकार वार्ता में सीएए के ड्राफ्ट से रेफर करते हुए बताया गया कि किस तरह बिना किसी डॉक्यूमेंट के विदेशियों को नागरिकता देना भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिये खतरा है। इसके साथ ही इस कानून के माध्यम से सरकार ने घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच के फ़र्क़ को खत्म किया है और ये देश के लिये खतरनाक है।
इस दौरान समिति के सदस्यों ने बताया कि इस संविधान की मूल भावना के विपरीत सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसियों को तो भारत की नागरिकता आसानी से दे दी जायेगी परन्तु मुस्लिम धर्म को मानने वालों को नागरिकता नहीं दी जायेगी, यह भारत के संविधान के धर्म निरपेक्ष स्वरूप को खंडित करती है एवं संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन है, जिसके अंतर्गत संविधान में संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी, धर्म िनरपेक्ष, लोक तंत्रात्मक गणराज्य बनाने का संकल्प लिया गया है।
वक्ताओं ने कहा कि भारत में पूर्व से ही अन्य देशों से आये नागरिकों को भारत की नागरिकता देने का प्रवधान है फिर एनपीआर, एनआरसी और सीएए लाने की कोई आवश्यकता नहीं है, फिर भी संसद में भाजपा के भारी बहुमत के अहंकार में चूर मोदी सरकार देश के आंदोलनरत जनता की भावना को समझने के लिये तैयार नहीं है।
वक्ताओं ने कहा कि यही कारण है कि देश के गरीब लोग, विद्यार्थी, बुद्धिजीवी लोग चिंतित होकर यह आंदोलन कर रहे हैं। जेएनयू, जामिया मिलिया, अलीगढ़ विश्वविद्यालय, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, शाहीन बाग, बैंगलोर, मुम्बई, लखनऊ आदि में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं जिसकी ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है बल्कि इस आंदोलन को कुचलने का प्रयोग चल रहा है।
नेताओं ने बताया कि इसी तारतम्य में सिवनी में भी 30, 31 जनवरी एवं 01 फरवरी को धरना आंदोलन की योजना तैयार की जा रही है, बाद में महिलाओं के आंदोलन की भी तैयारी की जा रही है।

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