एनएचएआई के अफसर कुंभकर्णीय निंद्रा में!

 

 

पुलिस चिन्हित कर रही संभावित दुर्घटना स्थल!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का परियोजना निदेशक का कार्यालय जबसे सिवनी से उठकर गया है उसके बाद से सिवनी जिले में एनएचएआई के द्वारा बनायी जाने वाली सड़कों के अधीक्षण (सुपरविजन) के काम को मानो ग्रहण लग गया है।

एनएचएआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि सिवनी से लखनादौन के बीच हाल ही में छपारा से गणेशगंज के बीच बने फोरलेन का काम जिस तरह से तकनीकि अधिकारियों की उपस्थिति के बिना ही करवाया गया है, उसी का परिणाम है कि इस हिस्से में आये दिन दुर्घटनाएं घट रही हैं।

सूत्रों की मानें तो एनएचएआई के द्वारा फोरलेन सड़क निर्माण के लिये बकायदा मापदण्ड तय किये गये हैं। इसके अलावा बनायी गयी सड़क का निरीक्षण तकनीकि अधिकारियों के द्वारा भी समय – समय पर किया जाना आवश्यक होता है। इनमें खामियां मिलने पर इसके निर्माण करने वाले ठेकेदार पर पेनल्टी अधिरोपित की जाकर इसे दुरूस्त कराने का काम भी एनएचएआई के अधिकारियों का ही है।

सूत्रों ने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों और एनएचएआई के द्वारा पाबंद किये गये कंसलटेंट की यह जवाबदेही होती है कि वे पूरे समय मौके पर उपस्थित रहकर गुणवत्ता, तकनीकि पहलू, पर्यावरण आदि मामलों में गाईड लाईन का पूरी तरह पालन करवायें।

सूत्रों ने कहा कि इस सड़क पर लगातार ही दुर्घटनाएं घट रही हैं और इन दुर्घटनाओं के बाद भी न तो एनएचएआई न ही उसके द्वारा निर्धारित कंसलटेंट के द्वारा इस सड़क के निर्माण कराने वाले ठेकेदार के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्यवाही की जा रही है जबकि नियमानुसार जहाँ दुर्घटनाओं की तादाद ज्यादा है उस क्षेत्र की सड़कों का तकनीकि परीक्षण कराया जाकर अगर सड़क निर्माण में खामी मिलती है तो ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाना चाहिये।

सूत्रों ने यह भी कहा कि हाल ही में यह बात सामने आयी है कि दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में जिला पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक की पहल पर गति अवरोधक बनाये जाकर संकेतक लगाये जाने की कवायद की जा रही है। देखा जाये तो यह मूल काम एनएचएआई के अधिकारियों और कंसलटेंट का ही है। वैसे सिवनी पुलिस के द्वारा की जा रही कवायद के बेहतर परिणाम सामने आने लगे हैं, पर इससे एनएचएआई के अधिकारियों की कुंभकर्णीय निंद्रा टूट पाये इसमें संशय ही दिख रहा है।

सूत्रों ने कहा कि जिला प्रशासन को चाहिये कि इस काम में कोताही बरतने वाले एनएचएआई के परियोजना निदेशक कार्यालय के खिलाफ कड़ा पत्र एनएचएआई के अध्यक्ष सहित भूतल परिवहन मंत्री को लिखा जाये ताकि परियोजना निदेशक कार्यालय को उनकी जवाबदेहियों का अहसास हो सके।

सूत्रों ने यह भी कहा कि वर्तमान में मध्य प्रदेश रीजन के क्षेत्रीय निदेशक के पद पर विवेक जैसवाल पदस्थ हैं। विवेक जैसवाल सिवनी में फोरलेन के शुरूआती दौर में (जब पीडी कार्यालय सिवनी में हुआ करता था) सिवनी में बतौर परियोजना निदेशक पदस्थ रहे हैं, इस लिहाज़ से वे सिवनी की भौगोलिक परिस्थितयों से बेहतर वाकिफ होंगे एवं उन्हें अगर सिवनी बुलाया जाकर इन परिस्थितियों से अवगत करवाया जाये तो इस समस्या का स्थायी निकाल निकलने की उम्मीद की जा सकती है।

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