मोहगांव खवासा मार्ग में नहीं रूक रहीं निर्माण कंपनी की झींगामस्ती
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। मोहगांव से खवासा के बीच बन रहे फोरलेन में निर्माण कंपनी दिलीप बिल्डकॉन की लापरवाही रूकने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन यह रास्ता बंद हो जाता है। शुक्रवार को हुई बारिश के बाद शाम को सड़क के एक डायवर्शन में पानी भर गया और रास्ता बंद हो गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को हुई बारिश के उपरांत मोहगांव से खवासा के बीच बन रही सड़क के लिए बनाए गए विचलन मार्ग में पानी भर गया। पानी इस कदर भरा था कि वाहनों के चक्के भी डूबते नजर आ रहे थे। इसके बाद भी अनेक वाहन चालकों के द्वारा यहां से वाहन निकालकर ले जाने का सिलसिला जारी रहा।
दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मोहगांव से खवासा के बीच जिस पेच में पानी भरा था वहां अक्सर ही पानी भर जाता है। इसका कारण यह है कि कंपनी के द्वारा बारिश के दिनों में पानी की निकासी के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। यहां से पानी निकालने के लिए कंपनी के द्वारा दो मोटर लगाई अवश्य गई हैं, पर वे भी नाकाफी ही साबित होती हैं।
सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार की शाम लगभग आठ बजे अंधेरा गहराते ही कंपनी के कारिंदों के द्वारा पानी में से वाहन निकालने से लोगों को रोकना आरंभ कर दिया। इसके बाद मोहगांव से सुकतरा तक वाहनों की कतारें लग गईं। पूर्व में भी इस मार्ग पर अक्सर ही जाम लगता आया है।
सूत्रों ने बताया कि माह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश जब नागपुर जा रहे थे तब भी यहां लंबा जाम लगा था। उनके आने के पहले प्रशासन के द्वारा जाम को खुलवाया गया। इसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा कुरई थाने में निर्माण कंपनी, एनएचएआई, पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन की संयुक्त बैठक में यह निर्देश दिए थे कि काम को इस तरह से संपादित किया जाए कि यहां जाम नहीं लग पाए। इसके बाद भी ठेकेदार कंपनी की झींगा मस्ती जारी है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि इस जाम में लगभग आधा दर्जन से ज्यादा एंबूलेंस भी फसी रहीं। जिनमें सागर, छतरपुर, रीवा, सतना सहित सिवनी के मरीज जीवन मृत्यु से संघर्ष करते देखे गए। इसके अलावा प्रदेश सहित अनेक प्रदेशों से आने जाने वाले यात्री भी जाम खुलने की रास्ता देखते रहे।
जिन लोगों को नागपुर और सिवनी में इस जाम की खबर मिली वे छिंदवाड़ा के रास्ते से नागपुर और सिवनी का सफर पूरा करने पर मजबूर रहे। इस तरह इन वाहनों को सवा सौ किलो मीटर का अतिरिक्त फेरा भी लगाने पर मजबूर होना पड़ा। सबसे ज्यादा आफत कुरई के मरीजों को हुई।
बताया जाता है कि बरघाट विधान सभा की बड़ी आबादी वाले कुरई कस्बे के अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं हाने से महिला मरीजों विशेषकर गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वैसे भी कुरई अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा के अभाव के चलते क्षेत्र के मरीज या तो सिवनी या नागपुर पर ही निर्भर हैं।
बताया जाता है कि शुक्रवार की शाम से लगा यह जाम शनिवार की शाम को लगभग चौबीस घंटे बाद खुल सका। इसके बाद एक बस मार्ग में खराब हो गई जिससे एक बार फिर जाम लग गया। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उस बस को हटाया नहीं जा सका था। इस बस के हटने के उपरांत लगभग चार से पांच घंटे में दोनों ओर के वाहनों को यहां से निकाला जा सकेगा।