बढ़ने लगी मच्छर जनित रोगियों की तादाद

 

 

मलेरिया विभाग नहीं कर पा रहा मच्छरों के शमन के उपाय

(सादिक खान)

सिवनी (साई)। बारिश के मौसम में मच्छरों के प्रजनन की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। इसके बाद भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन कार्यरत मलेरिया विभाग इस बात से बेपरवाह ही दिख रहा है।

ज्ञातव्य है कि  मच्छर,डेंगू और चिकन गुनिया जैसी बीमारियां मच्छर के काटने से होती है इसलिये इस बीमारी से बचने के लिये बेहतर है कि मच्छरों की उत्पत्ति रोका जाये। मलेरिया विभाग एवं स्थानीय निकायों के द्वारा इससे बचने के लिए रसायनों का छिड़काव किया जाता है।

इस साल मच्छरों के शमन के लिए न तो स्थानीय निकाय विभाग के द्वारा ही पहल की गई है न ही मलेरिया विभाग ने ही इस काम को आरंभ कराया गया है। कागजों पर अगर इन योजनाओं को अंजाम दिया जा रहा हो तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

यहां यह भी उल्लेखनीय होगा कि मच्छरों के संबंध में लोगों को जागरूक करने की दिशा में भी मलेरिया विभाग के द्वारा किसी तरह के प्रयास नहीं किए गए हैं। मजे की बात तो यह है कि मच्छरों से बचने के लिए मेडिकेटेड मच्छरदानियों का वितरण हर साल कराया जाता है पर इस साल इनका वितरण कहां और कब कराया गया है इस बारे में भी विभाग पूरी तरह मौन ही है।

देखा जाए तो मलेरिया विभाग को स्थानीय निकायों के साथ मिलकर लोगों के घरों, प्रतिष्ठानों की जांच की जाकर जहां मच्छरों के लार्वा पाए जहां वहां के निवासियों को समझाईश दें और दूसरे चरण में एक बार फिर जांच की जाकर लोगों पर जुर्माना किया जाए, ताकि मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।