बारिश में फिर भीगी खुले में रखी धान

 

अन्नदाता की मेहनत पर पानी फेरने वाले जिम्मेदार कब होंगे निलंबित!

(सादिक खान)

सिवनी (साई)। सोमवार को देर शाम हुई बूंदाबांदी के बाद मंगलवार को सुबह चार बजे से ही तेज बारिश आरंभ हुई। बारिश का फायदा गेहूँ, चना एवं रबी फसलों को जमकर हुआ है।

मंगलवार को पौ फटने के पहले ही बारिश का दौर आरंभ हो गया था। सुबह छः बजे झमाझम पानी गिरा। जिले के अनेक स्थानों पर हुई बारिश से किसानों से खरीदा गया धान बुरी तरह भीग गया। असुरक्षित तरीके से रखी गई धान की बोरियां इस बारिश में गीली होने से नहीं बच पायीं।

जिले में धान की ढुलाई और परिवहन के मामले में बहुत ही सुस्त चाल को देखकर यही लग रहा है कि एक बार फिर धान बुरी तरह भीग चुकी है। हालात देखकर यही प्रतीत हो रहा है कि पानी गिरना अगर नहीं रूका तो नमी के चलते एक बार फिर धान अंकुरित हो सकती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले भर के अनेक धान उपार्जन केंद्रों में असुरक्षित तरीके से खुले में रखी धान सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात हुई बारिश में बुरी तरह भीग चुकी है। यह आलम तब है जबकि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया, दैनिक हिन्द गजट सहित मीडिया के द्वारा 04 से 09 फरवरी तक बारिश की संभावनाएं काफी पहले ही व्यक्त कर दी गई थी।

बार-बार सरकारी स्तर पर खरीदे गए गेहूँ या धान के बार – बार भीगने के बाद भी जिम्मेदारों के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही न होना आश्चर्य का ही विषय मना जा रहा है। अपेक्षा व्यक्त की जा रही है कि जिन उपार्जन केंद्रों में धान गीली हुई है उनके प्रभारियों के खिलाफ जिला प्रशासन कठोर दण्डात्मक कदम उठाए ताकि भविष्य में इस तरह की गलति की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।