एसपी के राडार पर आये पंचेश्वर!

 

कान्हीवाड़ा थाने में दलालों के कब्जे की चल रहीं चर्चाएं!

(अपराध ब्यूरो)

सिवनी (ंसाई)। चर्चित और विवादित रहे उप निरीक्षक दिलीप पंचेश्वर को मासिक क्राईम बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक की नाराज़गी से दो चार होना पड़ा। दुर्घटना के एक मामले में डूण्डा सिवनी निवासी हीरा जंघेला को जबरन फंसाये जाने पर उसके द्वारा कथित तौर पर जहर खा लिया गया था।

पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में क्राईम मीटिंग में जिला पुलिस अधीक्षक के द्वारा इस मामले में संज्ञान लिया गया। उनके द्वारा कान्हीवाड़ा थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर से इस मामले में अब तक की गयी कार्यवाही का ब्यौरा चाहा गया।

सूत्रों ने बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक के द्वारा दिलीप पंचेश्वर से इस मामले में पीड़ित के द्वारा यह कहा जाना कि उसके वाहन से यह दुर्घटना कारित नहीं हुई है और उसके द्वारा डूण्डा सिवनी में लगे सीसीटीवी के फुटेज़ देखने की बात कहे जाने के बाद भी उनके (दिलीप पंचेश्वर के) द्वारा सीसीटीवी फुटेज़ क्यों नहीं निकलवाये गये।

सूत्रों ने बताया कि यह बात पुरानी हो चुकी है और पुराने सीसीटीवी फुटेज़ अब मिलना संभव नहीं है इसलिये यह बताया जाना कि पीड़ित सच बोल रहा है अथवा झूठ, यह सीसीटीवी के आधार पर संभव नहीं है।

सूत्रों की मानें तो इसके उपरांत पुलिस अधीक्षक के द्वारा पीड़ित के मोबाईल के संबंध में जानकारियां एकत्र करवायी गयीं, जिसमें यह बात निकलकर आयी कि जिस दिन घटना घटी थी उस दिन उसके मोबाईल की लोकेशन भोमा के आसपास की बजाय सिवनी में ही थी।

सूत्रों ने बताया कि यह मामला पुलिस महानिरीक्षक और उप पुलिस महानिरीक्षक के संज्ञान में भी लाया जा चुका है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर इस मामले की केस डायरी उप पुलिस महानिरीक्षक के द्वारा छिंदवाड़ा तलब भी कर ली गयी है।

सूत्रों ने यह भी बताया कि कान्हीवाड़ा थाने में गौवंश के कथित तस्करों की आमद रफत की जानकारी भी जिला पुलिस अधीक्षक को लगातार ही मिल रहीं थीं। सूत्रों की मानें तो क्षेत्र के तीन गौवंश तस्करों की हिम्मत इस कदर बढ़ चुकी है कि वे विवेचकों की कुर्सियों पर कब्जा कर सुबह से बैठ जाते हैं और अन्य कर्मचारियों को आदेशित भी करते नज़र आते हैं।