महाकौशल से हो सकता है पीसीसी चीफ!

 

 

अपेक्षाकृत युवा पर कांग्रेस लगा सकती है दांव

(पालीटिकल ब्यूरो)

सिवनी (साई)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के लिए मचे घमासान के बीच यह खबर भी निकलकर आ रही है कि कांग्रेस के क्षत्रपों के लिए सर्वमान्य नामों पर चर्चा की जाए। इसके लिए महाकौशल क्षेत्र के एक पूर्व विधायक का नाम भी दिल्ली के गलियारों में लिया जा रहा है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के एक पदाधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि एआईसीसी में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के बतौर चल रहे नामों के बीच महाकौशल के एक पूर्व विधायक का नाम भी जोर शोर से लिया जा रहा है।

सूत्रों ने कहा कि इसके लिए यह बात भी वजनदारी से कही जा रही है कि जिस तरह पूर्व में कांग्रेस में सहकारिता के क्षेत्र के कददावर नेता स्व. सुभाष यादव के निधन के उपरांत उनके सांसद पुत्र को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी, उसी तर्ज पर अब महाकौशल क्षेत्र में भी कांग्रेस के एक कद्दावर नेता के अवसान के उपरांत उनके पुत्र को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया जा सकता है!

सूत्रों का कहना है कि हाल ही में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के द्वारा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के लिए आपेक्षाकृत युवा को यह जिम्मेदारी दिए जाने की बात कहे जाने के बाद अब पचास साल से कम आयु वाले नेताओं में संभावनाएं टटोली जा रही हैं।

सूत्रों ने बताया कि इसके लिए जिन नामों की चर्चाएं चल रहीं हैं उनमें महाकौशल क्षेत्र के एक पूर्व विधायक का नाम भी सियासी गलियारों में तेजी से उभर रहा है। जिस नेता का नाम उभरकर सामने आ रहा है उस नाम पर मध्य प्रदेश के क्षत्रपों में सिंधिया गुट को आपत्ति हो सकती है किन्तु उनके अलावा शेष सभी के लिए ये नेता सर्वमान्य की श्रेणी में माने जा सकते हैं।

सूत्रों ने बताया कि उक्त पूर्व विधायक का संगठनात्मक कार्य का अनुभव भी बहुत लंबा है। अपने पिता के समय से ही ये कांग्रेस के लिए समर्पित सिपाही के रूप में काम करते रहे हैं। इसके साथ ही सभी को साधने की कला भी उक्त नेता में कूट कूट कर भरी हुई है।

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के आला नेता भी यही चाह रहे हैं कि अब नई पीढ़ी को कांग्रेस के जिम्मेदार पदों पर बिठाया जाकर जाए। इस लिहाज से आने वाले समय में कांग्रेस में युवा नेताओं की पूछ परख बढ़ने वाली है। जिस पूर्व विधायक के नाम की चर्चा चल रही है उनका समन्वय कांग्रेस के लगभग सभी गुटों से बेहतर है और वे सभी नेताओं के हित साधने में सहायक साबित भी हो सकते हैं।