रविवार को सर्द हवाओं से कांप उठे लोग

 

मासांत तक मौसम का मिज़ाज रहेगा बदलता

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। रविवार के दिन भी चलीं सर्द हवाओं के कारण लोग घरों में ही दुबके दिखे। दो-तीन दिन तक तापमान बढ़ने के बाद पुनः मौसम ने करवट ली है। सिवनी में एक बार फिर सर्दी का कहर दिख रहा है।

मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जम्मू और कश्मीर एवं इससे सटे पाकिस्तान पर पश्चिमी विक्षोभ के रूप में एक चक्रवाती संचरण समुद्र तल से 3.1 किलो मीटर ऊपर बना हुआ है। मध्य और ऊपरी क्षोभ मण्डलीय वेस्टरली (पश्चिमी हवाओं) में एक द्रोणिका के रूप में अन्य पश्चिमी विक्षोभ अपनी धुरी पर औसत समुद्र तल से 5.8 किलो मीटर ऊपर अब अब लगभग 70 डिग्री पूर्वी देशांतर से लेकर उत्तर की ओर 30 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक चलायमान है।

सूत्रों ने बताया कि 20 जनवरी से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ द्वारा पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। पश्चिम उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर स्थित पर चक्रवाती परिसंचरण अब उत्तर प्रदेश के मध्य भागों में समुद्र तल से 1.5 और 03.1 किलो मीटर के बीच देखा जा रहा है। उपरोक्त चक्रवाती परिसंचरण से पश्चिमी मध्य प्रदेश होती हुई दक्षिण गुजरात क्षेत्र तक स्थित एक द्रोणिका अब औसत समुद्र तल से 1.5 और 2.1 किलो मीटर ऊपर के बीच देखी जा रही है।

सूत्रों की मानें तो समुद्र तल से 0.9 किलो मीटर ऊपर तक फैला एक चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 1.5 और 3.1 किलो मीटर ऊपर एक द्रोणिका के साथ जो लगभग 93 डिग्री पूर्वी देशांतर से लेकर उत्तर की ओर 24 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक चलायमान है, पूर्वी असम एवं आसपास के क्षेत्रों में स्थित है। औसत समुद्र तल से 0.9 किलो मीटर ऊपर तक फैला चक्रवाती संचरण अब मालदीव क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों पर स्थित है।

दो दिन तक छाये रहे बादल रविवार को भी सिवनी के आसमान पर दिखायी दिये। रविवार को एक बार फिर सर्दी पूरे शवाब पर दिखी। उत्तर पूर्वी हवाओं के कारण सर्दी का अहसास ज्यादा हो रहा है। रविवार की दोपहर से ही लोगों को ठण्ड सताने लगी जिसके कारण गर्म कपड़े पहनकर लोग सड़कों पर निकले।

सूत्रों ने कहा कि फिलहाल, उत्तर भारत से आ रहीं हवाओं के रुख में किसी तरह का बदलाव होने का अंदेशा नहीं है। सर्द हवाओं की तीव्रता 15 किलो मीटर प्रति घण्टे का अनुमान लगाया गया है। रविवार को दिन में कभी – कभी ही भगवान भास्कर के दर्शन लोगों को हो पाये।

सूत्रों के अनुसार 21 जनवरी से एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की ओर से प्रदेश में प्रवेश करेगा, जिसका ज्यादा असर प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में दिखायी दे सकता है। अगर हवा का दबाव यूँ ही बना रहा तो, विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के बड़े हिस्से में एक बार फिर बादल अपना डेरा जमा लेंगे, जिससे तापमान में तो बढ़ौत्तरी होगी, लेकिन कई क्षेत्रों में हल्की और तेज बारिश की संभावनाएं भी बनेंगी।