शिकायतकर्त्ता से पुलिस ने ली रिश्वत

 

शिकायतकर्त्ता को ही बितानी पड़ी रात थाने में!

(ब्यूरो कार्यालय)

बंडोल (साई)। अपनी फरियाद लेकर थाने में जाने वाले को ही अगर रिश्वत देकर थाने से बाहर आना पड़े और पूरी रात थाने में बितानी पड़े तो इसे क्या कहा जायेगा!

बीसावाड़ी निवासी राधेश्याम इनवाती के द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक को दी गयी शिकायत में बताया कि बण्डोल थाने में तैनात एक आरक्षक ने उनकी रिपोर्ट लिखने की बजाय उनको रात भर बंद रखा और पिटाई की। सुबह दो हजार रुपये लेकर छोड़ा।

पीड़ित इनवाती ने शिकायत में कहा है कि 22 फरवरी की शाम को सिवनी से मजदूरी कर बीसवाड़ा स्थित रमेश उर्फ भूरा के साथ जा रहा था। गाँव के पास रास्ते में उनके समाज के लोग मिले और उनसे अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए झूमालामी करने लगे।

उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत करने शाम को लगभग साढ़े 08 बजे वे बण्डोल थाना पहुँचे, वहाँ पर एक आरक्षक उन्हें मिला। उसे उन्होंने पूरी बात बतायी। इस पर उसने रिपोर्ट दर्ज करने की बजाय, उन्हें ही थाने में बंद कर दिया। उसने कहा कि थाना प्रभारी नहीं है। इसके अलावा आरक्षक के द्वारा मामला निपटाने के लिये दो हजार रूपये की माँग भी की गयी।

पीड़ित ने आरोप लगाया है कि रात में पैसे नहीं देने पर उसने कपड़े उतारकर डण्डे से पिटाई की। 23 फरवरी को सुबह सात बजे उसकी बहन राजकुमार बाई थाने पहुंँचीं तो आरक्षक ने उनसे दो हजार रुपये लेकर उन्हें छोड़ा। इसकी शिकायत 25 फरवरी को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में की गयी है। पुलिस अधीक्षक को विलंब से शिकायत किये जाने के पीछे बताया कि वह पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक से मिलकर शिकायत करना चाह रहा था, लेकिन 23 व 24 फरवरी को कार्यालय गया पर मुलाकात नहीं हुई।

उन्होंने बताया कि इसलिये 25 को कार्यालय में शिकायत देकर पावती उसके द्वारा प्राप्त की गयी है। अभी तक पीड़ित का मेडिकल मुआयना नहीं हुआ हैं। पिटाई से उसके चेहरे और शरीर के कई हिस्सों पर दाग के निशान पड़ गये हैं।

इस संबंध में बण्डोल थाना प्रभारी आर.पी. गायधने ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। जिस समय की यह घटना बतायी जा रही है, उस समय वे अवकाश पर थे एवं शिकायतकर्त्ता उनसे नहीं मिला है।