खुले शौचालय में तब्दील हो जाता है पॉलीटेक्निक!

 

शोभा की सुपारी बना पॉलीटेक्निक का नया गेट

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। बाग बगीचों के अभाव में सिवनी शहर में सुबह और शाम को सैर करने वाले लोगों के लिये या तो सड़कें बचती हैं और या फिर पॉलीटेक्निक कॉलेज़ का मैदान। पॉलीटेक्निक कॉलेज़ प्रशासन के द्वारा मराही माता मंदिर की ओर दस फीट ऊँची दीवार खड़ी की जाकर रास्ता बंद कर दिया गया, इसके साथ ही हाल ही में एक नया दरवाजा बनाया गया है जो पूरे समय खुला रहता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 31 एकड़ में फैले पॉलीटेक्निक कॉलेज़ के मैदान वाले हिस्से में पूर्व में चारदीवारी नहीं थी। नब्बे के दशक में मध्य प्रदेश गृह निर्माण मण्डल के प्रस्ताव पर पॉलीटेक्निक कॉलेज़ की कुछ भूमि को हाउसिंग बोर्ड को स्थानांतरित किया गया था। इसके बदले में हाउसिंग बोर्ड के द्वारा पॉलीटेक्निक कॉलेज़ में चारदीवारी बना दी गयी थी।

बताया जाता है कि पॉलीटेक्निक कॉलेज़ द्वारा हाउसिंग बोर्ड को दी गयी भूमि पर गृह निर्माण मण्डल के द्वारा समता नगर का विस्तार कर वहाँ उच्च, मध्यम आय वर्ग (एचआईजी, एमआईजी) के आवास बनाकर उन्हें बेचा गया था। हाउसिंग बोर्ड के द्वारा शेल्टर लेस मद में रखी भूमि पर ईडब्ल्यूएस क्वॉर्टर बनाकर उन्हें भी बेच दिया गया था।

इसी तरह बताया जाता है कि जब पॉलीटेक्निक कॉलेज़ के परिसर में बाउंड्री वाल तैयार हो गयी थी उसके बाद यहाँ से होकर गुजरने वालों को होने वाली कठिनाई को देखते हुए लोगों के द्वारा स्थान – स्थान पर बाउंड्री वाल को तोड़ दिया गया था। जब चारदीवारी बनायी गयी थी तब मराही माता वाले हिस्से में दीवार खड़ी नहीं की गयी थी।

बहरहाल, पॉलीटेक्निक कॉलेज़ के मैदान में उत्तरी दिशा में चारदीवारी का लगभग पंद्रह फीट हिस्सा तोड़ा जाकर वहाँ नीचे फर्श को पक्का किया गया था, जहाँ से रोज ही दो और चार पहिया वाहन फर्राटे भरते हुए गुजरते एवं रात के अंधेरे में यहाँ असामाजिक तत्वों का डेरा भी जमा रहता है।

क्षेत्र के निवासियों के अनुसार शाम ढलते ही इस मैदान पर मयज़दों का डेरा जमने लगता है। रात में यहाँ शराब के शौकीन मैदान को ही ओपन बार में तब्दील कर जाम टकराते रहते हैं। देर रात यहाँ आसपास वाद विवाद होते हुए भी देखा जा सकता है। इतना ही नहीं सुबह और शाम को सैर करने के लिये आने – जाने वाले लोगों को मैदान के आसपास खाली बोतलें, पानी के खाली पाउच, बीड़ी सिगरेट के डुट्ठे आदि मिलते हैं।

और तो और मुँह अंधेरे ही यहाँ आसपास की झुग्गी बस्तियों के निवासियों के द्वारा मैदान के आसपास के क्षेत्र का उपयोग लघु शंका और दीर्घ शंका के लिये किया जाता है, जिससे यहाँ गंदगी फैली देखी जा सकती है। सुबह सवेरे यह मैदान खुले शौचालय में तब्दील हो जाता है जिससे यह आवारा सूअर और कुत्तों के लिये मुफीद स्थान बन जाता है।