पदस्थापना कहीं और आवास हो गया सिवनी में आवंटित!

 

गोपालगंज में तैनाती, संलग्नीकरण सिवनी में, आवास अस्पताल परिसर में!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। स्वास्थ्य विभाग में चमड़े के सिक्के चलना अभी भी बदस्तूर जारी हैं। एक कर्मचारी की मूल पद स्थापना गोपालगंज में है, उन्हें जिला अस्पताल में संलग्न किया गया है। इसके बाद भी उन्हें जिला चिकित्सालय परिसर में एक आवास आवंटित कर दिया गया है।

जिला अस्पताल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिला चिकित्सालय की भण्डार शाखा में क्रय लिपिक (परचेज क्लर्क) के पद पर पदस्थ राकेश मोहन श्रीवास्तव की तैनाती पूर्व में प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर जब डॉ.राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने प्रभार सम्हाला था, उसी दौरान की गयी थी।

सूत्रों का कहना था कि राकेश मोहन श्रीवास्तव की ज्यादातर नौकरी सेवा निवृत्त प्रभारी सीएमएचओ और सीएस रहे डॉ.आर.के. श्रीवास्तव के साथ ही रहती आयी है। वे मूलतः फार्मासिस्ट के पद पर पदस्थ हैं और उनकी मूल पद स्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपालगंज में है।

सूत्रों ने बताया कि तत्कालीन सीएमएचओ डॉ.आर.के. श्रीवास्तव के कार्यकाल में राकेश मोहन श्रीवास्तव को गोपालगंज से जिला चिकित्सालय में संलग्न कर उन्हें भण्डार शाखा और परचेज शाखा का प्रभार दे दिया गया था। उसके बाद से लगभग पाँच छः वर्षों से वे यहीं पदस्थ हैं।

सूत्रों ने बताया कि जिला अस्पताल परिसर में वीरेंद्र सिंह कुमरे के सेवा निवृत्त होने पर एक आवास रिक्त हुआ था। इस आवास के लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ निम्न श्रेणी लिपिक श्रीमति बावरे के द्वारा लगभग दो वर्ष पहले आवेदन किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि इस आवास को श्रीमति बावरे को आवंटित किया जाना चाहिये था, क्योंकि उनका आवेदन सबसे पहले आया था, इसके बाद भी सीएमएचओ कार्यालय के मठाधीशों के द्वारा श्रीमति जावरे की बजाय इस आवास को गोपालगंज में पद स्थापना वाले जिला अस्पताल में संलग्न फार्मासिस्ट राकेश मोहन श्रीवास्तव को आवंटित करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं।

सूत्रों ने यह भी कहा कि शासन की नीतियों के अनुसार संलग्न कर्मचारियों का संलग्नीकरण समाप्त किये जाने के निर्देश कई बार दिये जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के कानों में अब तक जूं नहीं रेंगी है। इतना ही नहीं जिस कर्मचारी का संलग्नीकरण समाप्त कर दिया जाना चाहिये, उसकी बजाय उन्हें पारितोषक के बतौर जिला अस्पताल परिसर में एक सरकारी आवास को आवंटित कर दिया गया है।