कान्हीवाड़ा में निजि शिक्षण संस्थाओं की पौ बारह

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

कान्हीवाड़ा (साई)। संपूर्ण सिवनी जिले में इन दिनों शिक्षा को लाभ के धंधे के रूप में देखा जाने लगा है। जहाँ तहाँ निजि शालाएं जिले में संचालित की जा रही हैं लेकिन कान्हीवाड़ा क्षेत्र की स्थिति इस मामले में अभिभावकों के मद्देनज़र अत्यंत दयनीय ही कही जायेगी।

कान्हीवाड़ा क्षेत्र में इन दिनों जहाँ तहाँ निजि शिक्षण संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है। इनमें से कई शिक्षण संस्थाओं के द्वारा शिक्षा के नाम पर विद्यार्थियों से अनाप – शनाप फीस वसूल की जा रही है। गौरतलब होगा कि यदि इन शालाओं का निरीक्षण किया जाये तो वे शाला के मापदण्डों पर खरा ही नहीं उतर सकेंगी लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते ऐसे शिक्षण संस्थाओं के संचालकों की पौ बारह है।

अभिभावक पहले से ही इस बात को लेकर परेशान हैं कि अभी – अभी नया शिक्षण सत्र सुचारू रूप से आरंभ हुआ है। ऐसे में उन्हें अपने बच्चों के लिये शाला प्रबंधन के द्वारा बतायी गयी दुकानों से स्टेशनरी, यूनिफॉर्म आदि खरीदने के लिये मजबूर किया जा रहा है जबकि शासन का स्पष्ट आदेश है कि किसी भी शिक्षण संस्थान के द्वारा किसी भी विद्यार्थी या उसके अभिभावक को इसके लिये बाध्य नहीं किया जा सकता है कि उसके द्वारा बताये गये प्रतिष्ठान से ही स्टेशनरी या यूनिफॉर्म की खरीदी की जाये।

शिक्षा विभाग की निष्क्रियता का फायदा इस क्षेत्र में स्थित निजि शालाओं के संचालक जमकर उठा रहे हैं। बताया जाता है कि जिस मद का हवाला देकर विद्यार्थियों से इन निजि शालाओं के द्वारा शुल्क वसूला जा रहा है, उससे संबंधित कोई भी गतिविधियां उस शाला में हैं ही नहीं। चूँकि विद्यार्थियों ने शाला में प्रवेश ले लिया है इसलिये उनके समक्ष ये मजबूरी है कि शाला प्रबंधन के द्वारा बतायी गयी जगह से ही कॉपी, किताब या यूनिफॉर्म आदि की खरीदी की जाये।

शिक्षा विभाग की निष्क्रियता का खामियाज़ा इस क्षेत्र के अभिभावकों को भुगतने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में क्षेत्र वासियों के द्वारा जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह से अपेक्षा की जा रही है कि वे अवश्य ही इस क्षेत्र में स्थापित निजि शालाओं के प्रबंधकों की मनमानी पर लगाम लगायेंगे।