सीआरएस के नाम पर मामा बना सकते हैं रेलवे के अधिकारी!

मण्डला से नैनपुर व नैनपुर से भोमा तक सीआरएस होने के बाद रेल का अता पता नहीं!
(लिमटी खरे)


सिवनी (साई)। बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से में अमान परिवर्तन (गेज कनवर्शन) के काम को युद्ध स्तर पर करवाने की बात सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहीं हैं। इसी बीच रेलवे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रेलवे के अधिकारियों के द्वारा सीआरएस के नाम पर जनप्रतिनिधियों और आम जनता को मामा बनाने की कवायद की जा रही है।
ज्ञातव्य है कि सिवनी में लगभग सवा सौ साल पुरानी नैरोगेज के अमान परिवर्तन (नेरोगेज से ब्राडगेज) का काम 2015 से आरंभ हुआ है। 01 दिसंबर 2015 को दो साल के लिए मेगाब्लाक लगाया गया था। इसके लिहाज से 2017 की समाप्ति पर सिवनी में ब्राडगेज आ जाना चाहिए था। उस समय न तो कोरोना का अता पता था और न ही अन्य कोई समस्याएं ही थीं।
बहरहाल, इसके बाद विलंब पर विलंब कारित करने के उपरांत 2021 के मार्च माह में नैनपुर से केवलारी, कान्हीवाड़ा होकर भोमा (मण्डला संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से मे) कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) को अंजाम दिया गया। इसी के साथ ही नैनपुर से चिरई डोंगरी होते हुए मण्डला का सीआरएस भी पूरा हुआ था।
विडम्बना ही कही जाएगी कि नैनपुर से मण्डला और नैनपुर से भोमा के बीच अभी तक सवारी गाड़ी अथवा माल गाड़ी का परिचालन आरंभ आज तक आरंभ नहीं हो पाया है। अब भोमा से सिवनी के बीच लगभग 18 किलोमीटर के रेलखण्ड का सीआरएस करवाने के लिए कवायद जारी है।
रेलवे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिस तरह मण्डला से चिरई डोंगरी होकर नैनपुर और नैनपुर से केवलारी होकर भोमा तक का सीआरएस लगभग दस माह पहले होने के बाद भी अब तक इस रेल खण्ड में सवारी या माल गाड़ी का परिचालन आरंभ नहीं कराया जा सका है, उसी तरह भोमा से सिवनी के बीच के रेलखण्ड का काम पूरा कराया जाकर यहां सीआरएस करवा लिया जाएगा पर यहां भी रेलगाड़ी का परिचालन अभी आरंभ नहीं हो पाएगा।
सूत्रों ने कहा कि रेलवे के अधिकारियों के द्वारा आम जनता तो आम जनता अब तो जनप्रतिनिधियों को भी सीआरएस के नाम पर मामा बनाया जा रहा है और सभी मूकदर्शक बने बैठे दिख रहे हैं।

(अगले एपीसोड में सवारी या मालगाड़ी न चल पाने का असली कारण क्या है? के बारे मे विस्तार से)

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