पुनीत कपूर ने लिखा कलेक्टर के नाम खुला पत्र
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। रेडक्रॉस की जिला ईकाई के गठन को लेकर अब रार तेजी से सामने आती दिख रही है। पुराने मेम्बरान के द्वारा इस मामले में अपनी आपत्ति पूर्व में दर्ज कराये जाने के बाद पत्रकार पुनीत कपूर जो रेडक्रॉस के सदस्य हैं के द्वारा कलेक्टर के नाम खुला पत्र लिखा गया है।
पेश है उनके द्वारा लिखा गया पत्र बिना किसी संशोधन के : सम्मानीय कलेक्टर साहब के नाम खुला ख़त,
आदरणीय कलेक्टर साहब,
रेडक्रॉस नाम का संगठन जिसका मकसद और कामकाज सभी को पता है। बड़ी हैरानी हुई जब सिवनी इकाई के डीएमसी सदस्यों के चुनाव गुपचुप होते हुए सुना। 30 जनवरी की शाम गुपचुप तरीक़े से मनोनीत किए गए एक सदस्य का कॉल आया कि गुपचुप तरीक़े से चुने गए 21 सदस्यों में एक नाम मेरा भी है और साथ ही बताया गया कि अगले दिन यानी कि 31 जनवरी को डीएमसी के 21 सदस्यों की मीटिंग भी गुपचुप होने वाली है, जिसमें ज़िला इकाई के लिए चेयरमेन समेत बाक़ी बॉडी का चुनाव होना है और सबसे दिलचस्प बात ये कि मुझे कॉल करने वाले मनोनीत सदस्य ने ये भी बताया कि 31 जनवरी को होने वाले गुपचुप चुनाव में ज़िला बॉडी में नम्बर टू का पद मुझे दिया जा रहा है।
यक़ीन मानिए एक मिनट तक तो दिमाग काम ही ना किया, मन में ज़रा भी ख़ुशी नहीं थी क्योंकि में नेता नहीं हूँ बल्कि पेशे से पत्रकार होने के साथ व्यापारी हूँ पर दुःख हुआ बहुत, वजह है कि आज से तीन बरस पहले कुछ युवा साथियों के साथ बड़े जतन करके बड़ी तादाद में लोगों को रेडक्रॉस से जोड़ा था, तब खुले तौर पर चुनाव हुए और एक जिला बॉडी बनी।
मन में नई ऊर्जा थी पर नई बॉडी कुछ ही दिनों में महज़ तस्वीर खिंचवाने और निजि स्वार्थों में तब्दील हो गई और मैंने डीएमसी का सदस्य होते हुए संगठन से दूरी बना ली और व्यक्तिगत तौर पर जरूरतमंदों की मदद करता रहा और इसी के साथ रेडक्रॉस पुराने ढर्रे पर काम करने लगा।
कलेक्टर की कुर्सी पर बैठे अफसर खुद से राशि संगठन के लिए जुटाते और सरकारी तौर पर जहां किसी मद से मदद मुमकिन नहीं वहाँ करते रहे, ख़ैर ये पुरानी बात है। वापस बात करूँगा हाल में हुए गुपचुप चुनाव की, डीएमसी सदस्यों के चुनाव गुपचुप हुए और उसके बाद आपके दफ़्तर में आपकी ग़ैरमौजूदगी में ज़िला पंचायत सीईओ साहब की अध्यक्षता में ज़िला बॉडी के चुनाव का स्वाँग हुआ जो मैंने सामने से देखा और एक दो दिन में ज़िला बॉडी का ऐलान हो भी जाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया में उन लोगों ने ठगा महसूस किया जो वाक़ई में इस संगठन का हिस्सा बनकर कुछ अच्छा करने की सोच रखते थे। ऐसी गुपचुप चुनी गई डीएमसी और बनने वाली ज़िला बॉडी के साथ मेरा काम करना मुमकिन नहीं है। इसलिए मैं डीएमसी से इस्तीफ़ा देता हूँ। लिखित में इस्तीफ़ा देने की औपचारिकता की ज़रूरत नहीं है क्योंकि मुझे लिखित में मनोनयन का पत्र नहीं मिला है।
पुनीत कपूर
पुनीत कपूर के द्वारा यह खुला पत्र सोशल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट किया है। उनकी यह पोस्ट जमकर वायरल भी हो रही है। उनकी इस पोस्ट पर लोग खुलकर कमेंट भी कर रहे हैं। यहां बताना लाजिमी होगा कि पुनीत कपूर ने आज तक जिस समय बुलंदियों पर था उस दौर में इसके मीडिया स्कूल से पढ़ाई की है और उसके बाद उन्होंने आज तक के दिल्ली कार्यालय में भी काम किया है। वर्तमान में वे सिवनी में आज तक के स्टिंगर हैं।

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