मलेरिया, डेंगू के संक्रमण का बढ़ा खतरा, पालिका है पूरी तरह उदासीन
(सादिक खान)
सिवनी (साई)। सावन में बारिश का दौर आरंभ हो गया है। जिले में रूक – रूक कर हो रही बारिश से अब मच्छर जनित रोगों के बढ़ने का खतरा भी बढ़ गया है।
ज्ञातव्य है कि बारिश का मौसम अपने साथ कई जानलेवा बीमारियां भी साथ लेकर आता है। इस बार रुक – रुक कर हो रही बारिश से मच्छरों का हमला तेजी से बढ़ा है। मॉनसून की दस्तक के साथ ही अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी – खांसी और बुखार के मरीज़ बढ़ने लगे।
अब रुक-रुक कर हो रही बारिश के बाद मच्छर जनित बीमारियों के फैलने का अंदेशा बढ़ गया है। मौसम में नमी बने रहने के कारण स्वाइन फ्लू के वायरस के अटैक करने की संभावनाएं भी बढ़ रहीं हैं। पिछले वर्ष बारिश के इसी मौसम में रोकथाम में चूक से तकरीबन पूरा शहर वायरल बुखार, चिकुनगुनिया और डेंगू की चपेट में आ गया था।
इस बार रुक – रुक कर हो रही बारिश के कारण मच्छरों के प्रजनन के लिये अनुकूल बना हुआ है। उसके बावजूद मच्छर और लार्वा मारने में मुस्तैदी नहीं दिखायी जाने से बीमारियां फैलने का अंदेशा बन रहा है। नगर पालिका परिषद के द्वारा मच्छरों के शमन के लिये प्रयास न किये जाने से लोग चौबीसों घण्टे मच्छरों से बचने के उपाय करते दिख जाते हैं।
जगह-जगह भरा बरसाती पानी : बारिश के मौसम के बाद स्थान – स्थान पर पानी जमा होने के कारण मच्छरों के लार्वा तेजी से पनपते है। इस बार रुक – रुक कर तेज बारिश हो रही है। बादल बने रहने के कारण बारिश का पानी कई जगह जमा हुआ है। कई जगह निर्माण कार्यों के कारण भी नालिया बंद होने और गड्ढों में पानी का जमाव हो रहा है।
ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष भी नालियों का बहाव अवरुद्ध होने और बरसाती एवं गंदे पानी के जमाव के कारण मच्छरों का लार्वा तेजी से पनपा था। इस बार बारिश के मिजाज और स्वास्थ्य एवं नगर पालिका की कार्यवाही के तरीके से वैसे ही हालत निर्मित हो रहे हैं।
साफ पानी में पनपता है लार्वा, दिन में काटता है मच्छर : जानकारों का कहना है कि मलेरिया, संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साधारणतः रात में काटता है। डेंगू बुखार एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटे जाने से फैलता है। डेंगू व चिकनगुनिया के मच्छर साफ एवं खुले में जमा पानी में पनपते है। यह दिन के समय काटता है।
जानकारों की मानें तो मलेरिया के लक्षण मच्छर काटने के 10वें दिन से आरंभ होकर 04 सप्ताह तक बने रहते हैं। यह 05 साल से कम आयु के बच्चों में ज्यादा गंभीर होते हैं। मलेरिया होने पर उसमें बुखार, कंपकंपी, खांसी – जुकाम, भूख ना लगना, उल्टियां आना, पेट में दर्द होना, हाइपोथर्मिया और सांस तेज चलने जैसे लक्षण नज़र आ सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि मलेरिया में बुखार एक दिन छोड़कर आता है। अगर एक दिन बुखार आता है तो संभव है कि उसके अगले दिन शायद न भी आये पर उससे अगले दिन फिर बुखार आता है। चिकनगुनिया होने पर बुखार के साथ जोड़ों में लंबे समय तक दर्द बना रहता है। डेंगू होने पर शरीर में दर्द और प्लेटलेट्स में तेजी से गिरावट होती है। स्वाइन फ्लू की शुरुआत सामान्य वायरल बुखार की तरह होती है। इसमें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
इसका ध्यान रखें : पानी उबालकर पीयें। जूस, कैफीन रहित चाय पीयें। बाहर का खाना और जंक फूड न लें। खाना खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धोयें। बरसाती पानी में भींगने से बचें। गैर ढक्कन वाली टंकियां, टूटे फूटे सामान, कबाड़ और टायर में पानी न भरने देने जैसी व्यवस्था सुनिश्चित करें।
इसके अलावा घर के आसपास गड्ढे और कूलर में पानी का जमाव न हो। घर के आसपास नालियों में एंटी लार्वा का छिडक़ाव करवायें। शरीर को पूरा ढंकने वाले कपड़े पहनकर ही घर से बाहर निकलें। सोने से पहले मच्छररोधी क्रीम का प्रयोग करें।

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