संत समागम संपन्न

 

 

अनेक जिलों से आये महात्मा

(ब्यूरो कार्यालय)

केवलारी (साई)। संत निरंकारी मण्डल जबलपुर के जोनल प्रभारी संत नवनीत नागपाल की हुजूरी में रविवार को मुनगापार ब्रांच में सत निरंकारी सत्संग भवन पर समागम हुआ।

इस कार्यक्रम में जबलपुर, नैनपुर, मण्डला, बालाघाट जिले सहित सिवनी जिले के विभिन्न ग्रामों से आये महात्मा गणों की भारी संख्या में उपस्थिति रही। कार्यक्रम में आयोजक मुख्य महात्मा बंशीलाल, मीडिया प्रभारी डॉ.वेद सिंह ठाकुर एवं आनंद सौनिक, महात्मा तोप सिंह पहलवान सहित सेवा दार महिलाओं का भी योगदान रहा।

महात्मा नवनीत नागपाल महाराज के द्वारा अपने प्रवचनों में कहा गया कि अगर हमारे अंदर ईश्वर है, तो नम्रता भी हमारे पास है, हम सब एक हैं, हम सभी अपने माता – पिता के बताये सत मार्गों पर चलें एक दूसरे की सहायता करें। बड़े-बड़े महात्मा, जैसे महात्मा बुद्ध, अशोक सम्राट, मीराबाई, स्वामी विवेकानंद अपने माता – पिता के घर पर ही जन्म लिया और धर्म के मार्ग पर चले। यह जीवन धर्म के मार्ग पर ही चलने को मिला है। हम सब धर्म और संस्कृति के मार्ग पर चलें हमारे घर में जब खुशहाली आयेगी। जब हम इस मार्ग पर चलें, अपने जीवन का अर्थ समझें और धर्म के मार्ग पर चलते हुए अपनी – अपनी मंजिल पर पहुँचें।

उन्होंने कहा कि सद्गुरु संसार की बहुत सी वस्तुएं हमने नहीं देखी होंगी लेकिन वह हमसे किसी अलाभप्रद स्थिति में डालने वाली नहीं है, उससे हमारा कोई नुकसान होने वाला नहीं है, परंतु परमात्मा हर ज्ञान का स्त्रोत है और इसकी प्राप्ति मानव जन्म का परम लक्ष्य है। प्रभु जाने जानने योग हैं और इसकी जानकारी हर मानव द्वारा प्राप्त की जाना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि पूरे सद्गुरु द्वारा परमात्मा का साक्षात्कार ब्रह्म ज्ञान कहलाता है, जिसको किसी प्रकार के मंत्र या किसी धार्मिक पुस्तक की सिखायी अथवा किसी महात्मा के प्रवचन से प्राप्त नहीं किया जा सकता। वास्तविक ज्ञान के अभाव के कारण परमात्मा भिन्न – भिन्न लोगों के लिये भिन्न हैं और उन्हीं लोगों के लिये विभिन्न अवसरों पर भी भिन्न हैं।

उन्होंने कहा कि सभी महान धर्मों में अपनी पूर्व कालीन घोषणाओं में धर्म के आध्यात्मिक पहलू पर जोर दिया गया है न कि कर्मकाण्ड ऊपर कर्मकाण्ड के मायाजाल में फंसा हुआ धर्म अपनी वास्तविक पहचान भूल गया है और जोड़ने की बजाय यह तोड़ने का बड़ा कारण बन गया है। मानव का सांप्रदायिक विभाजन एटॉमिक बम के विभाजन से भी अधिक खतरनाक है जिसको सम्हाल पाना बहुत मुश्किल हो गया है।