पांढुर्णा बनेगा जिला, बैतूल, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा को मिलाकर बनेगा संभाग!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। आने वाले कुछ दिनों में सिवनी जिला अगर जबलपुर संभाग का अंग न रह जाये तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये। सिवनी अब सतपुड़ा संभाग का अंग बन सकता है। इसके लिये राज्य स्तर पर कवायद जारी है। इसी के साथ ही साथ पांढुर्णा प्रदेश का 53वां जिला बन सकता है।
राज्य शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य सरकार इस बात पर गंभीरता के साथ मनन कर रही है कि सतपुड़ा संभाग को शीघ्र अतिशीघ्र अस्तित्व में लाया जाये। सतपुड़ा संभाग में किन-किन जिलों का शुमार किया जायेगा, इस पर विचार चल रहा है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार के द्वारा छिंदवाड़ा जिले के क्षेत्रफल को देखते हुए एक नये जिले के निर्माण पर भी विचार किया जा रहा है। इसमें पांढुर्णा और सौंसर के अलावा बैतूल जिले के मुलताई को इसमें शामिल कर पांढुर्णा जिला बनाया जा सकता है। वैसे भी छिंदवाड़ा जिले में सात अनुभाग और 13 तहसीलें हैं।
सूत्रों ने बताया कि पांढुर्णा को अगर जिला बनाया जाता है तो बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट जिलों को इस संभाग में शामिल कर इसे सतपुड़ा संभाग नाम दिया जा सकता है। ज्ञातव्य है कि पहले भी सतपुड़ा संभाग बनाये जाने की बात भाजपा शासन काल में सामने आयी थी, पर इसमें छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट जिलों को शामिल किया जा रहा था।
सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिये हैं कि छिंदवाड़ा को संभाग बनाने के लिये सरकारी स्तर पर चल रही कवायद अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। इसके लिये जिला प्रशासन छिंदवाड़ा के द्वारा सौंसर, पांढुर्णा अनुभागों से पर्याप्त मात्रा में फीडबेक भी प्राप्त कर लिया गया है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि अब सारी कवायद अंतिम दौर में ही चल रही है। इसके लिये अधिकारियों के द्वारा अपना मत दिया जा चुका है। इस प्रस्ताव को शीघ्र ही कैबिनेट में लाया जाकर इस पर मुहर लगायी जा सकती है। मुख्यमंत्री अपने अगले दौरे में इसकी घोषणा भी कर सकते हैं।
यहाँ भी उठने लगी माँग : इधर, लखनादौन को जिला बनाये जाने की माँग लंबे समय से की जाती रही है। इसके लिये अब कवायद तेज होती दिख रही है। वहीं, मण्डला जिले में नैनपुर को भी जिला बनाने की माँग की जा रही है। कहा जा रहा है कि सिवनी जिले के घंसौर को इसमें शामिल किया जाकर नैनपुर को जिला बना दिया जाये।

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