होगा साढ़े साती व ढैया की पीड़ा से मुक्ति का मौका!
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। यदि आप शनिदेव की साढ़े साती व ढैया दृष्टि से पीड़ित हैं तो आपके लिये यह राहतकारी खबर है। शनिवार 04 मई को शनिश्चरी अमावस्या के अवसर पर यदि आप विधि विधान से विशेष आराधना करें एवं जाने अन्जाने हुए पापों के लिये क्षमा याचना करेंगे तो आपको आने वाले एक हिंदू वर्ष के लिये शनि के दण्ड से मुक्ति मिल सकती है।
बन रहा षडाष्टक एवं आयुष्मान योग : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ग्रहों की सत्ता और विक्रम संवत के राजा शनि के राज में इस बार वैशाख मास की शनि अमावस्या मनायी जा रही है। इस दिन त्रिग्रही योग बन रहा है। इसकी वजह मेष राशि में सूर्य, चंद्रमा और बुध ग्रह के एक साथ होना है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि अमावस्या को मंगल एवं शनि षडाष्टक योग बन रहे हैं। वहीं इस दिन आयुष्मान योग का संयोग भी बन रहा है, जो अभीष्ट फल देने वाला रहेगा। इस योग की वजह से साढ़े साती व ढैया से जातकों को मुक्ति मिल सकेगी। बताया जाता कि संवत का राजा शनि होने के कारण शनिश्चरी अमावस्या को साढ़े साती व ढैया वाले जातकों को विशेष रूप से दान कर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिये।
करें साढ़े साती व ढैया विशेष आराधना : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या तिथि शनिवार के दिन हो तो इसका महत्व अधिक हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शनिदेव की विशेष आराधना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जिन राशि के जातकों को शनि भगवान की क्रूर दृष्टि पड़ रही है वे भी शनि की आराधना करके उन्हें मना सकते हैं। उन पर भी शनि महाराज कृपा दृष्टि बरसायेंगे। शनि के प्रकोप से बचने के लिये जातक मंगलकारी योग में भगवान शनि का तिलाभिषेक करें, जिससे राहत मिलेगी।
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