पानी में रहकर घोंघा प्यासा!

 

 

बैनगंगा के किनारे मचा पानी का हाहाकार!

(फैयाज खान)

छपारा (साई)। पुण्य सलिला बैनगंगा भले ही करोड़ों लोगों की प्यास बुझाती हो पर बैनगंगा के किनारे बसे छपारा शहर में पानी का जमकर हाहाकार मचा हुआ है। ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली इतनी दोषपूर्ण है कि वह शहर को पानी पिलाने में पूरी तरह असफल ही साबित हो रही है।

ज्ञातव्य है कि छपारा शहर पुण्य सलिला बैनगंगा के तट पर बसा हुआ है। बैनगंगा में पर्याप्त पानी है। इसके अलावा एशिया के सबसे बड़े भीमगढ़ बाँध से जिला मुख्यालय की प्यास बुझायी जा रही है पर भीमगढ़ बाँध से महज़ कुछ किलो मीटर दूर बसा छपारा पानी के लिये तरस रहा है।

छपारा शहर में पेयजल प्रदाय का आलम यह है कि शहर में एक दिन के अंतराल से जल प्रदाय किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें शुद्ध पेयजल की बजाय गंदा और बदबूदार पानी पीने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मानें तो जब भीमगढ़ से सिवनी की प्यास बुझायी जा सकती है तो छपारा शहर तो अपेक्षाकृत एक चौथाई से कम दूरी पर स्थित है इसलिये यहाँ पेयजल की किल्लत नहीं होना चाहिये।

लोगों का कहना है कि आने वाले समय में छपारा में नगर पंचायत के लिये चुनाव हो सकते हैं। इस लिहाज़ से ग्राम पंचायत का यह अंतिम कार्यकाल ही होगा। अपने अंतिम कार्यकाल में ग्राम पंचायत प्रशासन के द्वारा लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया न कराये जाने के कारण लोगों में रोष और असंतोष पनपता दिख रहा है।

हाल ही में वार्ड नंबर 15 (जैसवाल कॉलोनी) के निवासियों के द्वारा ग्राम पंचायत पहुँचकर अपनी बात रखी गयी। वार्ड वासियों का कहना था कि उनके वार्ड में पिछले तीन महीनों से सप्ताह में महज़ एक दिन और वह भी आंशिक जलापूर्ति ही हो रही है। ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा सरपंच पूनम सैयाम को इसके उपरांत तलब किया गया और लगभग एक घण्टे तक ग्राम पंचायत कार्यालय में जमकर तू-तू मैं-मैं हुई।

सरपंच ने वार्ड के निवासियों को बताया कि उनके द्वारा जैसवाल कॉलोनी के लिये दस टैंकर पानी मुहैया करवाया गया, जिसे वार्ड के निवासियों ने सिरे से नकार दिया। वार्ड वासियों ने इस वार्ड में स्ट्रीट लाईट नहीं होने की बात भी कही है।