सिवनी में एक बार फिर डोलती दिख रही धरा! सांसद विधायक पतासाजी कराएं कि झटके कहीं क्रशर्स के लिए पत्थर तोड़ने के तो नहीं!
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। सितंबर माह के दूसरे पखवाड़े में एक बार फिर सिवनी में धरा डोलती नजर आ रही है। इस बार झटके बहुत ज्यादा प्रतीत नहीं हो रहे हैं पर लोगों को झटके महसूस होने की बात कही जा रही है। लोगों का कहना है कि इस बार झटकों की तीव्रता 2020 से काफी कम है।
सिवनी शहर के आसपास चूना भट्टी, डूंडा सिवनी, मानेगांव, कण्डीपार आदि ग्रामों के साथ ही उपनगरीय इलाकों में लूघरवाड़ा, डालडा फेक्ट्री के पास आदि में तेज आवाज के साथ ही कुछ झटके महसूस हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि दो से तीन सेकण्ड के लिए इस तरह प्रतीत होता है मानो पैरों के नीचे जमीन हिल रही हो। लोगों को धरती में कंपन भी महसूस हो रहा है।
इस संबंध में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि सिवनी में तीन स्थानों पर सिस्मोग्राफ यंत्र लगाए गए हैं। 15 सितंबर से 21 सितंबर तक इसके रिकार्ड को खंगालने के बाद सूत्रों का कहना था कि इन यंत्रों में किसी तरह की हलचल कैद नहीं हुई है।
सूत्रों ने बताया कि अगर लोगों को झटके महसूस हो रहे हैं तो सिवनी जिले के सांसदों, विधायकों को चाहिए कि वे खनिज विभाग के जरिए इस बात का पता लगाने का प्रयास करें कि सिवनी के आसपास लगे क्रशर्स के लिए पत्थर निकालने के लिए बड़े धमाके तो नहीं किए जा रहे हैं।
इधर जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के भोपाल कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी शहर की महज दस किलोमीटर की परिधि में तीन बहुत ही विशालकाय क्रशर्स की संस्थापना की जानकारी प्राप्त हुई है। इन तीनों क्रशर्स के संचालन के लिए बड़ी तादाद में पत्थरों की आवश्यकता होगी और हो सकता है कि धरती के अंदर से चट्टानों को निकालने के पहले विस्फोटकों के जरिए चट्टानो की पकड़ को ढीला करने का प्रयास किया जा रहा हो।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के प्रभारी वेद प्रकाश ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि 15 सितंबर से 21 सितंबर के बीच किसी भी भूगर्भीय हलचल को कैद नहीं किया गया है। लोकल लेवल पर अगर पत्थर आदि निकालने के लिए शक्तिशाली विस्फोटक का प्रयोग किया गया हो तो इस बारे में खनिज विभाग ही बेहतर बता सकता है।
पांच छः दिनों में किसी भी तरह की भूगर्भीय हलचल का पता नहीं चला है। स्थानीय स्तर पर विस्फोटक का अगर प्रयोग किया गया होगा तो यह बात खनिज विभाग बेहतर तरीके से बता सकता है।
वेद प्रकाश,
रीजनल डायरेक्टर, भोपाल.

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