विद्यार्थी कर रहे जान जोखिम में डाल पुल पार!

(ब्यूरो कार्यालय)

घंसौर (साई)। आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में ग्राम पंचायत घोटखेड़ा ग्राम में विद्यार्थी बारिश के चार माह जान जोखिम में डालकर पुल को पार करने पर मजबूर हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल जाने के लिये उन्हें जिस पुल को पार करना पड़ता है, उसमें दोनों ओर रैलिंग नहीं है। इससे छोटे – छोटे बच्चे पानी के तेज बहाव के बीच से निकलते हैं तो उनकी जान को खतरा बना रहता है। हैरानी की बात तो यह है कि एक साल पहले भी इसी पुल पर चौड़ाई कम होने के कारण एक ट्रक फंस गया था और जिसे निकालने के प्रयास पर एक व्यक्ति की जान भी चली गयी थीं, इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा नाले पर बनी पुलिया की ऊँचाई नहीं बढ़ायी जा रही है। ऐसे में किसी भी दिन बच्चों के साथ गंभीर हादसा घटित हो सकता है।

गाँव से बाहर 01 किलो मीटर दूरी पर है स्कूल : बताया जाता है कि गाँव व स्कूल के बीच से एक नाला निकलता है, जो जरा सी बारिश में ही उफान पर आ जाता है। ऐसी स्थिति में बच्चों को इसी नाला से होकर स्कूल जाना पड़ता है। लगातार हो रही बारिश के दौरान नाले पर दो से तीन फीट पानी बहता रहता है। इसके बावजूद भी बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुँचते हैं और उसी पुल से घर वापस आते हैं।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश के दिनों में जरा सी बारिश में नाला उफान पर आ जाता है। दोनों ओर रैलिंग भी नहीं है। पुल पर हमेशा ही पानी बना रहता है। यदि बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं तो उनकी पढ़ाई का नुकसान होता है जिसके कारण वह अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं।

इस संबंध में प्रशासन को अवगत भी करवाया गया, लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बीते दो दिनों से हुई भारी बारिश के चलते पुल पर तीन फीट पानी होने के बावजूद भी स्कूली बच्चे आते – जाते रहे। वहीं स्कूली विद्यार्थियों ने बताया कि नाले से निकलने में डर तो लगता है, लेकिन स्कूल जाना भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि हम लोग एक – दूसरे का हाथ पकड़कर स्कूल जाते हैं।

यह क्षेत्र काँग्रेसी विधायक योगेंद्र सिंह के विधान सभा क्षेत्र का अंग है। इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इस बात का दुःख है कि उनके ़क्षेत्रीय विधायक की पार्टी की सरकार होने के बावजूद वे लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों से लगातार पुल की मांग की, लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवायी नहीं हुई है।

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