डेंजर जोन में सिवनी, फिर भी भूमापी यंत्र नहीं!

 

विशाल जलसंग्रह वाले भीमगढ़ के बावजूद भी नहीं लगा है भू-गर्भीय हलचल मापने यंत्र!

(फैयाज खान)

छपारा (साई)। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.विमला वर्मा के द्वारा सिवनी जिले को दी गयी एक अनुपम सौगात संजय सरोवर परियोजना के भीमगढ़ बांध में विशाल जल संग्रह क्षमता के बाद भी सिवनी जिले या बांध के आसपास भूगर्भीय हलचलों को मापने के लिये किसी तरह की माकूल व्यवस्थाएं न होना आश्चर्य का ही विषय है।

विशाल भूखण्ड में फैले इस बांध के जलभराव क्षेत्र में 519.38 मीटर पानी रहता है जो लगभग इतने ही भार से धरती पर दबाव भी बनाता है। भीमगढ़ बांध से कुछ किलोमीटर दूर बण्डोल क्षेत्र मे क्रॅशर्स में होने वाली ब्लास्टिंग भी भू-गर्भीय हलचल का कारण बन सकती है।

ज्ञातव्य है कि जिला मुख्यालय से लगभग चालीस किलोमीटर दूर अवस्थित भीमगढ़ बांध परियोजना का काम 1972 में आरंभ किया गया था। 243 करोड़ 47 लाख रूपये की प्रस्तावित लागत से उस समय निर्मित इस बांध की लंबाई 3991.15 मीटर है। यह सिवनी की पुण्य सलिला बैनगंगा नदी के उद्गम मुण्डारा से नदी मार्ग से लगभग साठ किलोमीटर दूर स्थित है। इसके पक्के बांध की लंबाई 279.81 मीटर, एवं ऊँचाई 42.67 मीटर है।

जानकारों का कहना है कि इस बांध के आसपास भू-गर्भीय हलचल को मापने के लिये किसी तरह के यंत्र का न लगा होना आश्चर्य का ही विषय माना जायेगा। दरअसल, स्थल मण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकंपीय तरंगों की वजह से होता है।

ज्ञातव्य है कि भूकंप का मापन भूकंपमापी यंत्रों (सिस्मोमीटर) के साथ किया जाता है, इसे सिस्मोग्राफ भी कहते हैं। इस यंत्र पर रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता को आंका जाता है। 03 या उससे कम रिएक्टर तीव्रता वाले भूकंप को कमजोर माना जाता है जबकि 07 या उससे अधिक रिएक्टर माप वाले भूकंप को खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है।

सिंचाई विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जब इस बांध का निर्माण कराया जा रहा था उस दौर में भूकंप मापने के यंत्रों को यहाँ स्थापित किये जाने का प्रावधान इसलिये नहीं था क्योंकि इसके मापने के लिये देश में तकनीक ज्यादा विकसित नहीं हुई थी।
सूत्रों का कहना था कि नब्बे के दशक के आसपास भूकंप मापने के यंत्रों के मामले में देश में बेहतर तकनीक विकसित हो जाने के तीन दशकों में भी भीमगढ़ क्षेत्र में भ-ूगर्भीय हलचलों को मापने के यंत्र की स्थापना नहीं किया जाना आश्चर्य जनक ही माना जायेगा। वैसे भी बीच – बीच में सिवनी में धरती कांपने की बातें भी सामने आती रही हैं।

भीमगढ़ बांध का निर्माण जब कराया जा रहा था, उस दौर में यह तकनीक ज्यादा विकसित नहीं थी. अब भीमगढ़ बांध के लिये भू-गर्भीय हलचल मापने के लिये यंत्र की संस्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है. शीघ्र ही भीमगढ़ में यंत्र लगा दिया जायेगा.

राजेश श्रीवास्तव,

मुख्य अभियंता,

बैनगंगा कछार, सिवनी.