राशि नहीं मिलने से पंचायतों की वित्तीय हालत हुई खस्ता

 

(ब्यूरो कार्यालय)

छपारा (साई)। 14वें वित्त आयोग की राशि नहीं मिलने के कारण ग्राम पंचायतों की हालत खस्ता बतायी जा रही है।

बताया जाता है कि वर्ष 2019 में जून माह से नवंबर माह के बीच पंचायत क्षेत्र की आबादी के मुताबिक सरकार द्वारा वित्त आयोग की राशि दी जाती है, जिससे 20 प्रतिशत राशि से पंचायतों के द्वारा बिजली बिल, कार्यालय खर्च इत्यादि किया जाता है। इसके अलावा बाकी राशि से रोड नाली इत्यादि निर्माण कार्य 14वें वित्त आयोग की राशि से किये जाते हैं लेकिन जून 2019 से अब तक राशि पंचायत के खातों में प्राप्त नहीं हुई है, जबकि नवंबर माह में दूसरी किस्त प्राप्त हो जाती थी।

इस स्थिति के चलते पंचायतों की हालत दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है। ग्राम पंचायत तिन्सा के सरपंच सुनील उईके ने बताया कि राशि नहीं मिलने के कारण पंचायतों में वित्तीय हालत बेहद खराब है जिससे कई सारी व्यवस्थाएं लड़खड़ा गयी हैं। उन्होंने बताया कि पंचायतों में विकास कार्य के साथ ही साथ पंचायतों में विभिन्न प्रकार के आयोजन किये जाते हैं जिसमें 20 प्रतिशत राशि से भुगतान किये जाते हैं।

उन्होंने बताया कि राशि नहीं मिलने से पंचायतों ने उधारी में कई प्रकार के कार्य कराये हैं जिनके भी भुगतान बाकी रह गये हैं। पंचायत के खातों में अब तक राशि नहीं आने के कारण पंचायतों के सरपंच परेशान हैं। कई स्थानों पर सड़क – नाली का निर्माण करवा दिया गया है लेकिन सरकार के द्वारा 14वें वित्त आयोग की राशि प्रदत्त नहीं की गयी है। सरपंचों के द्वारा शासन प्रशासन से माँग की गयी है 14वें वित्त की राशि, खातों में पहुँचायी जाये।

इसके साथ ही सरपंचों ने बताया कि उनका मानदेय भी लंबे समय से उनके खाते में नहीं पहुँचाया गया है जबकि सरकार के द्वारा सरपंचों को और पंचों को मानदेय की राशि भी महीने और बैठकों के हिसाब से दी जाती है। यह राशि भी लंबे समय से उनके खाते में नहीं पहुँचायी गयी है।

सरपंचों का कहना है कि चुनावी वर्ष भी है और भुगतान नहीं होने के कारण कई बहुत से विकास कार्य अधूरे पड़े हैं। सरकार के द्वारा यदि 14वें वित्त आयोग की राशि दे दी जाती है तो अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करवाया जा सकता है। फिलहाल राशि नहीं मिलने से पंचायतों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा कर रह गयी है।

जलकर, प्रकाश कर देने में ग्रामीण नहीं रखते रुचि

पंचायत के द्वारा पेयजल सप्लाई प्रकाश व्यवस्था आदि की जाती है जिसका कर, ग्रामीणों से लिये जाने का प्रावधान है लेकिन कर देने के संबंध में ग्रामीणों में जागरूकता नहीं है। इसके चलते 14वें वित्त आयोग की 20 प्रतिशत राशि से ही पेयजल सप्लाई का बिजली बिल का भुगतान किया जाता है। इसी से स्ट्रीट लाइट का भी भुगतान किया जाता है, साथ ही 20 प्रतिशत राशि में से राष्ट्रीय पर्व समेत कई प्रकार के आयोजनों के खर्चों को समायोजित किया जाता है लेकिन अब पंचायत के खातों में राशि ही नहीं बची है।