घरों की बिजली का भोगमान भोगा अस्पताल ने!

 

अस्पताल में एक मीटर से चल रही भवनों और आवासीय क्षेत्र की बिजली!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिले में स्वास्थ्य विभाग के हालात देखकर यही प्रतीत हो रहा है मानो यहाँ चमड़े के सिक्के चल रहे हैं। नियम कायदे क्या कहते हैं इसे जानने की फुर्सत किसी को दिखायी नहीं देती है। जिला अस्पताल परिसर में संचालित अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों के कार्यालय सहित आवासीय भवनों के बिजली के बिल का भुगतान महीनों से निर्बाध रूप से अस्पताल प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि महीनों पहले जिला अस्पताल परिसर में लगे विभिन्न बिजली के मीटर्स के स्थान पर, एक ही मीटर लगाया जाकर उससे ही हर स्थान पर कनेक्शन प्रदाय कर दिये गये थे।
सूत्रों ने बताया कि ऐसा इसलिये किया गया था, क्योंकि जिला अस्पताल को अत्यावश्यक सेवाओं की श्रेणी में रखते हुए बिजली विभाग के द्वारा जिस फीडर से जोड़ा गया था, वहाँ बिजली बाधित होने की संभावनाएं बहुत ही कम हुआ करती हैं।

सूत्रों की मानें तो जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, क्षय रोग प्रभाग, एड्स सेल, कर्मचारियों के आवासीय प्रशिक्षण के लिये बने आईपीपी 06, सामाजिक न्याय विभाग के कार्यालय के साथ ही साथ यहाँ कर्मचारियों के लिये बनाये गये आवासों का कनेक्शन भी इसी मीटर से कर दिया गया था।

सूत्रों की मानें तो सर्दी में यहाँ निवास करने वाले कर्मचारियों के द्वारा हीटर और गीजर का तो गर्मी में कूलर और अन्य साधनों का जमकर उपयोग किया गया। इसके एवज़ में किसी भी कर्मचारी को बिजली के देयक का भुगतान नहीं करना पड़ा, क्योंकि सारा का सारा भोगमान अस्पताल प्रशासन के द्वारा भोगा जाता रहा।

सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों जब यह बात सीएमएचओ कार्यालय के द्वारा जिला अस्पताल प्रशासन के संज्ञान में लायी गयी तब सामाजिक न्याय विभाग के कार्यालय सहित अस्पताल परिसर में बने नये आवासीय परिसर की बिजली की सप्लाई अन्य स्थानों से करवाने की कवायद की गयी। अभी भी अनेक आवासीय परिसरों में बिजली की आपूर्ति अस्पताल में लगे मीटर से ही की जा रही है।

आईपीपी 06 बना है आवास : सूत्रों ने यह भी बताया कि कर्मचारियों के आवासीय प्रशिक्षण के लिये इस परिसर में आईपीपी 06 का निर्माण कराया गया था। इस भवन को तत्कालीन सीएमएचओ (अब सेवा निवृत्त) डॉ.आर.के. श्रीवास्तव के द्वारा आवास के रूप में प्रयोग किया जाता था तो अब इसमें वर्तमान सीएमएचओ डॉ.के.आर. शाक्य का डेरा है।

सूत्रों ने आगे बताया कि इस भवन में सरकारी सामग्री, बिजली आदि का उपयोग पहले डॉ.आर.के. श्रीवास्तव के द्वारा किया जाता था और अब वर्तमान सीएमएचओ डॉ.के.आर. शाक्य द्वारा किया जा रहा है, जबकि सीएमएचओ के लिये एक सरकारी आवास पृथक से बना हुआ है।