चौबीसों घण्टे अस्पताल में घूमते रहते हैं लोग!
(सादिक खान)
सिवनी (साई)। प्रियदर्शनी इंदिरा गाँधी जिला चिकित्सालय, मध्य प्रदेश तो क्या देश का पहला ऐसा अस्पताल होगा जहाँ चौबीसों घण्टे लोगों की आवाजाही बनी रहती है। अस्पताल का हाल देखकर यही प्रतीत होता है कि अस्पताल प्रशासन के द्वारा इसे सराय बना दिया गया है।
जिला अस्पताल का कॉरीडोर हो या अन्य स्थान, रात के दो बजे भी आपको लोग विचरण करते दिख जायेंगे। ये लोग कौन हैं और अस्पताल में क्यों घूम रहे हैं, इस बारे में पूछताछ करने की फुर्सत किसी को नहीं है। अस्पताल में लाखों रूपयों की लागत से लगाये गये सीसीटीवी कैमरे भी शोभा की सुपारी ही बने हुए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिला अस्पताल में सुरक्षा और सफाई के काम को निजि कंपनी को दिया गया है। निजि कंपनी के कर्मचारी भी अस्पताल के मुख्य द्वार से गायब रहते हैं। अस्पताल का मुख्य द्वार चौबीसों घण्टे खुला रहता है।
सूत्रों का कहना है कि अस्पताल में अपना उपचार कराने आये मरीज को आराम की आवश्यकता होती है। इसके चलते हर अस्पताल में मिलने का समय (विजिटिंग ऑवर्स) निर्धारित हैं। कमोबेश एक घण्टा सुबह और एक घण्टा शाम को अस्पताल में भर्त्ती मरीजों से मिलने के लिये निर्धारित रहता है।
सूत्रों का कहना है कि आपरेशन कायाकल्प के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी प्रवीण सिंह अढ़ायच जब अस्पताल के छज्जों पर गंदगी देखकर भड़के थे तब अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बरगलाते हुए यह कह दिया था कि अस्पताल के छज्जों पर मरीजों के परिजन खाना और अन्य चीजें फेंकते हैं इसलिये यह गंदगी होती है।
सूत्रों की मानें तो तत्कालीन जिलाधिकारी को यह भी बता दिया गया था कि ये छज्जे बहुत पुराने हो गये हैं और इन छज्जों से बारिश में पानी रिसकर दीवारों को गीला करता है। इन छज्जों पर पानी रोकने के लिये आने वाले कैमिकल का इस्तेमाल करने की बजाये इन्हें तोड़कर फायबर या अन्य तरह की शीट लगाये जाने का प्रस्ताव दे दिया गया और जो काम सस्ते में हो सकता था, उस काम के लिये कई गुना पैसा खर्च किया गया।
सूत्रों का कहना था कि अस्पताल में गंदगी पर जब तत्कालीन जिलाधिकारी ने अपनी नाराजगी जतायी थी तब सफाई ठेकेदार के द्वारा इस बात पर आपत्ति की गयी थी कि अगर चौबीसों घण्टे अस्पताल में लोगों की आवाजाही रहेगी तो अस्पताल को साफ रखना मुश्किल होगा।
सूत्रों ने यह भी कहा कि अस्पताल प्रशासन अगर (जैसा पूर्व निर्धारित है और होता भी आया है) सुबह एक घण्टा और शाम एक घण्टा विजिटिंग ऑवर्स के नियम का पालन सख्ती से करवा दे तो अस्पताल भी साफ सुथरा रहेगा और छज्जों पर भी गंदगी नहीं होगी। यक्ष प्रश्न यही है कि अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में क्या यह नहीं देखा जा सकता है कि चौबीसों घण्टे लोगों की आमद रफत अस्पताल में बनी रहती है।
जिलाधिकारी हैं चिकित्सक, समझ सकते हैं अस्पताल की व्यवस्थाओं को!
यहां यह उल्लेखनीय होगा कि वर्तमान जिलाधिकारी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग स्वयं चिकित्सक हैं और वे किसी अस्पताल की व्यवस्थाओं, मरीजों से मिलने के समय आदि को बेहतर समझ सकते होंगे। नागरिकों ने संवेदनशील जिला कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग से जनापेक्षा व्यक्त की है कि सुबह और शाम एक एक घण्टा ही मिलने के समय का पालन कड़ाई से किया जाये। अन्यथा जिला चिकित्सालय में कोरोना काल में भी अनावश्यक यहां तक कि जरायमपेशा लोगों, मयजदों की आवाजाही से होने वाली अव्यवस्था पर अंकुश शायद ही लगाया जा सके।

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