धड़ल्ले से पढ़ा रहे ट्यूशन और कोचिंग

 

निज़ि शालाओं में गिर रहा शिक्षा का स्तर

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। नगर में इन दिनों ट्यूशन और कोचिंग का व्यवसाय धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। आलम यह है कि शासकीय ही नहीं वरन निज़ि विद्यालय के शिक्षक भी धडल्ले से ट्यूशन पढ़ा रहे हैं जिसकी जानकारी शाला प्रमुखों व विभाग प्रमुखों को भी है किन्तु उनके द्वारा इस पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।

इतना ही नहीं शिक्षक – शिक्षिकाएं गाईड से विद्यार्थियों को पढ़ाकर उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। अनेक पालकों ने बताया कि निज़ि विद्यालयों के शिक्षक ट्यूशन में पढ़ाने के बाद शालाओं में अध्यापन कार्य में रूचि नहीं लेते और केवल टाईम पास करते हैं या फिर मोबाईल पर ही चिपके रहते हैं, जिससे उन विद्यार्थियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है जो ट्यूशन नहीं जाते।

ट्यूशन के कारण निजि शालाओं की पढ़ायी बुरी तरह प्रभावित हो रही है, शाला प्रमुखों ने शिक्षकों को ट्यूशन करने की छूट दे रखी है। ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक विद्यार्थियों से 300 रुपये से कम नहीं ले रहे हैं। ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा कहा जाता है कि शाला प्रबंधन उन्हें कम वेतन देता है जिसके कारण उन्हें ट्यूशन पढ़ाने के लिये विवश होना पड़ता है।

वहीं शासकीय शालाओं के शिक्षक भी धड़ल्ले से ट्यूशन व कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ा रहे हैं, उन्हें भी विभागीय आदेश का खौफ नहीं रह गया है। जागरूक नागरिकों ने जिला शिक्षा अधिकारी व निज़ि शाला संचालकों से अपेक्षा जतायी है कि ट्यूशन व कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक – शिक्षिकाओं की खोज खबर लेकर शालाओं के गिरते शिक्षा के स्तर को सुधारने हेतु सार्थक प्रयास किये जायें।