शासकीय कार्य में बाधा, मिली दो साल की सजा

 

(अपराध ब्यूरो)

सिवनी (साई)। शासकीय कार्य में बाधा डालने के कारण आरोपी को दो साल की सजा सुनायी गयी है।

अभियोजन कार्यालय के मीडिया प्रभारी मनोज सैयाम ने बताया कि 17 नवंबर 2011 को उप वन मण्डल अधिकारी जी.के. बरकड़े को मुखबिर से सूचना मिली थी कि खवासा में एक निर्माणाधीन मकान के तलघर में अवैध रूप से सागौन की लकड़ियों की चौखट रखी हुई है।

इस पर उनके द्वारा अधीनस्थ अमले जिसमें परिक्षेत्र अधिकारी पी.सी. दुबे तथा एन.के. बिसेन के साथ मौके पर जाकर कार्यवाही की जा रही थी। कार्यवाही में तत्कालीन एसडीएम एवं खनिज अधिकारी भी शामिल थे। कार्यवाही में मौके से 14 नग सागौन की चौखटे की जप्ति की जा रही थी कि तभी आरोपी परमानंद जायसवाल मौके पर आये और उनके द्वारा उप वन मण्डल अधिकारी एवं अन्य कर्मचारियों के साथ गाली गलौच की जाकर धक्का मुक्की की गयी। आरोपी ने कार्यवाही कर रहे स्टॉफ को देख लेने की धमकी भी दी गयी।

इसकी रिपोर्ट थाना कुरई में लिखायी गयी थी। जिस पर पुलिस द्वारा आरेापी परमानंद जायसवाल के विरूद्ध शासकीय कार्य में बाधा डालने और गाली गलौच करने व धमकी देने की धाराओ के अंतर्गत मामला कायम कर विवेचना पूर्ण करने के पश्चात माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्घ्तुत किया गया था।

इसकी सुनवायी माननीय श्रीमति आशिता श्रीवास्तव, विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी), सिवनी की न्यायालय में की गयी। शासन की ओर से उप संचालक अभियोजन रमेश उईके के द्वारा गवाहों और सबूतों को पेश किया गया। सबूतों और गवाहों के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आारोपी परमानंद जायसवाल को पिता स्व.जियालाल जायसवाल निवासी विवेकानंद वार्ड कटंगी रोड सिवनी को धारा 353 भादवि में 02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित करने की सजा सुनायी गयी है।