(ब्यूरो कार्यालय)
रूमाल (साई)। केवलारी तहसील के उगली थानांतर्गत रूमाल ग्राम निवासी वरिष्ठ जननेता, सामाजिक चिंतक और अलौकिक प्रतिभा के धनी जिले में वेंडर साहब के नाम से प्रसिद्ध मोहन लाल ठाकरे ब्रह्मलीन हो गये।
कुशल व्यवहार, मृदुभाषी, मधुर मुस्कान के साथ लोगों से मिलना, एक कुशल राजनीतिज्ञ, विकास पुरुष, कर्मठ किसान और समाज सुधारक के रूप में उनकी पहचान थी। वेंडर साहब की केवलारी क्षेत्र समेत काँग्रेस परिवार के साथ अंतरंगता गहरी थी। वे मुक्तकण्ठ से अपने ग्राम वासियों और पार्टी कार्यकर्त्ताओं की प्रशंसा करते थे।
गाँव के हर सामाजिक कार्यों में वे बढ़-चढ़ कर भूमिका में होते थे। 74 वर्ष की आयु में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती का सबक सिखा कर वे परलोक गमन कर गये। उनकी अंतिम यात्रा में उनके चाहने वालों का तांता लगा रहा। बैनगंगा के पावन तट पर मोहन लाल ठाकरे को नम आँखों से शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके स्नेहीजनों ने अंतिम बिदाई दी।
किया दायित्वों का सफल निर्वहन : जनसेवा और ग्राम विकास की अभिकल्पना के साथ वेंडर साहब ने ग्राम पंचायत रूमाल का 15 साल तक कुशल नेत्तृत्व किया। वहीं ग्राम न्यायालय उगली के प्रधान, संचालक मध्य प्रदेश सहकारी विपणन संघ भोपाल, अध्यक्ष वन समिति, अध्यक्ष ब्लॉक काँग्रेस कमेटी उगली, अध्यक्ष खण्ड क्षत्रिय पंवार समाज उगली के दायित्वों का सफल निर्वहन भी किया।
अपने कार्यकाल में रूमाल जैसे छोटे से गाँव में शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु औषधालय, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सहायक वन परिक्षेत्र कार्यालय, पेयजल योजना, सीमेंट कांक्रीट सड़क व नाली निर्माण, नागरमोथा तेल संयंत्र, विद्युतीकरण, स्टॉपडेम, तालाब निर्माण इत्यादि बहुआयामी कार्यों को बखूबी अंजाम दिया।
उनकी पुत्रवधु श्रीमति माया अशोक ठाकरे जनपद सदस्य के पद पर कार्यरत हैं। ब्रह्मलीन पूर्व सरपंच श्रीमति मीरा ठाकरे के पति, अशोक ठाकरे शिक्षक, अनिल ठाकरे, रूकमणी जैतवार व ऊषा क्षीरसागर पूर्व जनपद सदस्य के पिताश्री और सियाराम जैतवार तथा लेखक व पत्रकार हेमेन्द्र क्षीरसागर के ससुर हैं।
जीवन दायिनी बैनगंगा के मोक्षधाम में अपनी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि में लोगों ने कहा कि दिवंगत का यूँ ही चले जाना सब के लिये गहरा आघात है जिसकी भरपाई युगों – युगों तक असंभव है। उन्होंने जो जीवन का पाठ पढ़ाया है, वह सदा मानस पटल पर अजर – अमर रहेगा।
मोहन लाल ठाकरे वेंडर साहब ने निःस्वार्थ भाव से अपने जीवन काल में परिवार, समाज, गाँव और देश की सेवा की। उनके अविस्मरणीय योगदान को याद करते हुए उनके बताये पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लेकर गमगीन माहौल में हजारों लोगों ने बैकुण्ठवासी की आत्मा को शांति और परिवार को इस दुःख की घड़ी से उभरने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से कामना की।