ग्रामीणों ने लगाये पुलिस पर झूठी कार्यवाही करने के आरोप!

 

ग्रामीणों ने लगाये पुलिस पर झूठी कार्यवाही करने के आरोप!

तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर चोरी मामले में आया नया मोड़

(ब्यूरो कार्यालय)

घंसौर (साई)। आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील मुख्यालय में तहसीलदार के डिजिटल हस्ताक्षरों के मामले में मुख्य आरोपी की बजाय किसी अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेजने की बात प्रकाश में आने के बाद ग्रामीणों में रोष और असंतोष पनपने लगा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 31 जुलाई को घंसौर में छापामार कार्यवाही के उपरांत एक न्यायिक दण्डाधिकारी के अधिकार रखने वाले तहसीलदार के डिजिटल हस्ताक्षर चोरी कर उसके जरिये फर्जी प्रमाण पत्र जारी किये जाने का हैरत अंगेज मामला प्रकाश में आया था।

बताया जाता है कि इस मामले में 31 जुलाई को की गयी कार्यवाही के तीन दिन के उपरांत 04 अगस्त को तहसीलदार अमृत लाल धुर्वे ने स्वयं घंसौर थाने में इस बात की प्राथमिकी दर्ज करवायी थी। इसके तीन माह बाद भी इस मामले के मुख्य आरोपी दीपेश नेमा को गिरफ्तार करने में घंसौर पुलिस असफल ही रही है।

घंसौर पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस मामले में कियोस्क सेंटर चलाने वाले दीपेश नेमा के किसी प्रिंस नामक पूर्व कर्मचारी को पुलिस ने हिरासत में लेकर माननीय न्यायालय में पेश कर उसे जेल भेज दिया है। इसकी खबर लगने के बाद घंसौर में लोग आक्रोशित दिख रहे हैं।

बताया जाता है कि प्रिंस, खैरी कला का निवासी है, उसकी गिरफ्तारी की बात सामने आते ही उसके गृह ग्राम के लोगों के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को एक ज्ञापन सौंपा गया है। लोगों का कहना है कि प्रिंस को साजिश के तहत आरोपी बनाया गया है, जबकि तहसीलदार अमृत लाल धुर्वे के द्वारा दीपेश नेमा के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवायी गयी थी। इसके अलावा इस कार्यवाही के लगभग तीन माह पूर्व ही प्रिंस ने दीपेश के पास से काम छोड़कर खुद की एक फोटोकॉपी की दुकान खोल ली थी।

बताया जाता है कि खैरी कला के निवासियों ने ज्ञापन सौंपते वक्त यह तक कह दिया कि घंसौर पुलिस आखिर दीपेश नेमा के प्रति इस कदर मेहरबान क्यों है!

ग्राम खैरी कला से आये ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से पुलिस पर झूठी कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा है. मामला जिला कलेक्टर के संज्ञान में लाकर जाँच करवायी जायेगी.

रविन्द्र पारधी,

नायब तहसीलदार,

घंसौर.

ग्राम खैरी के लोगों ने प्रिंस ग्रीयाम पर हुई प्रशासनिक कार्यवाही को गलत ठहराते हुए मुझे ज्ञापन दिया है. मैं अधिकारियों से इस सबंध में बात करूंगा.

चन्द्रशेखर चतुर्वेदी,

उपाध्यक्ष,

जिला पंचायत.

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