मृतिका के पति ने करवा लिया था एफडीआर कैश!
(अपराध ब्यूरो)
सिवनी (साई)। 14 मार्च को बारापत्थर निवासी बरखा पति प्रियंक तिवारी के द्वारा कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्म हत्या के मामले में मृतिका के पिता राजेंद्र भारद्वाज के द्वारा पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर आरोप लगाये गये हैं कि उनकी पुत्री के पति प्रियंक और सास मंजू पाठक के द्वारा उनकी पुत्री को दहेज के लिये प्रताड़ित किया जाता था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजेंद्र भारद्वाज के द्वारा अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि 08 मार्च को उनकी पुत्री बरखा के द्वारा उन्हें फोन पर बहुत ही ज्यादा भावुक होकर अनेक बातें कही गयीं थीं। उन्होंने बताया कि बातचीत से लग रहा था कि उनकी पुत्री किसी दबाव अथवा नशीली दवाओं के सेवन के चलते इस तरह की बातें कर रही थी।
बताया जाता है कि राजेंद्र भारद्वाज के द्वारा पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में यह भी कहा गया था कि उनकी पुत्री के द्वारा उन्हें यह भी बताया गया था कि उनके पति प्रियंक और सास मंजू के द्वारा दहेज की माँग को लेकर उनकी पुत्री के साथ मारपीट की जाती थी। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी पुत्री ने उनसे यह भी कहा था कि इसके बाद वह शायद ही बच पाये।
लगाये संगीन आरोप : बताया जाता है कि पुलिस अधीक्षक को लिखे इस पत्र में मृतिका बरखा के पिता ने यह आरोप भी लगाया है कि उनके द्वारा मृतिका के नाम से बचपन से ही बचत की जा रही थी। उनके द्वारा उनकी पुत्री के नाम से पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया में लगभग सात लाख रूपये की सावधि जमा (फिक्सड डिपाजिट) करवाये गये थे, जिनका लगभग दो माह पूर्व ही दहेज लोभियों के द्वारा नकदीकरण करवा लिया गया था।
बताया जाता है कि मृतिका के पिता ने यह आरोप भी लगाया है कि बरखा के ससुराल पक्ष के लोगों के द्वारा सात लाख रूपये की एफडीआर के नकदीकरण के बाद भी उनकी पुत्री को दस लाख रूपये घर से लाने के लिये न केवल प्रताड़ित किया जाता था, वरन उसके साथ मारपीट की जाती थी।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान राजेंद्र भारद्वाज ने बरखा के ससुराल पक्ष के लोगों पर यह आरोप भी लगाया है कि विवाह के महज छः माह के अंदर आखिर ऐसा क्या हो गया था कि उनकी पुत्री को कथित तौर पर आत्म हत्या के लिये मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी पुत्री के द्वारा आत्म हत्या नहीं की गयी है। उनकी पुत्री को ससुराल पक्ष के लोगों के द्वारा मारकर लटकाया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी पुत्री के द्वारा 14 मार्च की रात में दम तोड़ दिया गया था और इस बात की सूचना प्रियंक या उनकी माता मंजू ने 15 मार्च तक उन्हें क्यों नहीं दी!
उन्होंने यह भी कहा कि इस आवेदन के बाद पुलिस के द्वारा प्रियंक और उनकी माँ मंजू को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार से अपेक्षा व्यक्त की है कि उनकी पुत्री के पति प्रियंक और सास मंजू पाठक से कड़ाई से पूछताछ की जाये ताकि इस पूरे मामले की वास्तविकता सामने आ सके।
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