2020 की दीपावली तक . . . 08
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन के द्वारा सिवनी जिले में अमान परिवर्तन की समय सीमा निर्धारित किये जाने के बाद अब महज़ सात माह बाकी हैं। रेलवे के अधिकारी जिस गति से अमान परिवर्तन के काम को अंजाम दे रहे हैं उसे देखकर लग नहीं रहा है कि समय सीमा में काम पूरा हो पायेगा।
रेलवे के तकनीकि प्रभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जब कार्य पूर्ण हो जायेगा उसके बाद तकनीकि प्रभाग के द्वारा छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर तक के रेल खण्ड का बारीकी से निरीक्षण रेल संरक्षा आयोग (रेलवे सेफ्टी कमीशन) के द्वारा किया जायेगा।
सूत्रों ने बताया कि रेल संरक्षा आयोग, भारत सरकार के नागर विमानन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य करता है और रेलयात्रा की संरक्षा और रेल प्रचालन से संबंधित मामलों को देखता है। इसे रेल अधिनियम 1989 में निर्धारित किये गये कुछ निश्चित सांविधिक कार्य भी सौंपे गये हैं जो निरीक्षणात्मक, अन्वेषणपरक और सलाहकारी प्रकृति के हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिस गति से वर्तमान में काम चल रहा है उसे देखकर यह महसूस नहीं हो रहा है कि रेलवे के द्वारा इस काम को सात माह में पूरा कर लिया जायेगा। अगर काम पूरा कर लिया भी जाता है तो रेल गाड़ियों के परिचालन के दौरान पानी की आपूर्ति एक बड़ी बाधा के रूप में सामने आ सकती है।
सूत्रों ने बताया कि रेलवे के द्वारा वर्तमान आरक्षण केंद्र के पीछे एक पानी की टंकी का निर्माण करवाया जा रहा है। इस पानी की टंकी को भरा कहाँ से जायेगा, यह बात अभी तक स्पष्ट नहीं हो पायी है। सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन के द्वारा लखनवाड़ा से छिंदवाड़ा नाके में बने फिल्टर प्लांट तक की भूमिगत लाईन को रेलवे को देने का प्रस्ताव रखा गया है।
सूत्रों ने कहा कि प्रशासन के द्वारा अगर बेकार पड़ी पानी की लाईन को रेलवे को दे दिया जाता है तो छिंदवाड़ा नाके के फिल्टर प्लांट से जल शोधन किया जाकर उसे आसानी से रेलवे स्टेशन तक ले जाया जा सकता है। इसके लिये रेलवे को महज़ डेढ़ किलोमीटर ही पाईप लाईन बिछाना होगा।
सूत्रों का कहना था कि सांसद के द्वारा यह सुझाव भी दिया गया कि रेलवे स्टेशन के दो तालाबों के साथ ही साथ मठ मंदिर के तालाब का गहरीकरण और रखरखाव भी रेलवे के द्वारा अगर किया जाता है तो इस समस्या से काफी हद तक निज़ात मिल सकती है। इसके अलावा मोतीनाला का गहरीकरण किया जाकर इस नाले में छोटे – छोटे स्टॉप डेम बनाकर पानी को रोका जा सकता है।

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