नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे शादी लॉन

 

(फैयाज खान)

छपारा (साई)। मैरिज लॉन के नाम पर इसके संचालक लाखों रुपये वैवाहिक सीजन में नियम विरुद्ध तरीके से कमा रहे हैं। इन लॉनों में नियम कानून ताक पर रखकर, इन्हें संचालित किया जा रहा है। इन मैरिज लॉनों में किसी भी तरह का निर्धारित मापदण्ड नहीं अपनाया जाता है।

बताया जाता है कि नगर में लॉन के नाम से मात्र एक ही लॉन संचालित है परन्तु लॉन के नाम से भवन को संचालित कर संचालक लाखों रुपये कमा रहे हैं। ऐसे स्थान पर उक्त मैरिज भवन संचालित है जहाँ पर मुख्य पथ रोड है, घनी आबादी वाला आवासीय क्षेत्र है, स्कूल है, मेन मार्केट है। ऐसे व्यस्ततम स्थान पर उक्त मैरिज भवन जो लॉन के नाम से चलाये जा रहे हैं पर संबंधितों का ध्यान क्यों नहीं जाता, समझ के परे ही माना जा रहा है।

नहीं है पार्किंग : ऐसे स्थान पर मैरिज भवन जो लॉन के नाम से संचालित हैं वहाँ पर, पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण मुख्य रोड पर ही भारी संख्या में वाहनों को खड़ा किया जाता है जिससे यातायात जमकर प्रभावित हो रहा है। इस कारण यहाँ बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।

ऐसे आवागमन वाले क्षेत्र में मैरिज भवन संचालित हैं जहाँ पर दिन की शादी में घण्टों जाम की स्थिति बनी रहती है जिसके कारण आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पडता है। ऐसे लोगों के द्वारा मैरिज भवन संचालित किये जाते हैं जो शहर के रसूखदारों में शुमार है। इनके दबदबे के कारण इन अवैध संचालित मैरिज भवनों का कोई विरोध नहीं करता और प्रशासन भी इनके प्रभाव में इस ओर से आँखें मूंदे ही रहता है।

अग्नि शमन के उपाय : बगैर मापदण्ड के संचालित मैरिज भवनों का ये आलम है कि अचानक अगर आग लग जाये तो इनके पास तत्काल की व्यवस्था के लिये जो मापदण्ड होना चाहिये वे नहीं हैं। आग बुझाने के लिये लगभग 20 सीज फायर उक्त लॉनों में होना चाहिये जो अग्नि दुर्घटना से लॉन में रहने वाले लोगों की सुरक्षा कर सकें, परन्तु ये गैरकानूनी तरीके से चलाये जा रहे है। मैरिज भवन बनाम लॉन पर संबंधितों ने अब तक कार्यवाही नहीं की है, संभवतः वे बड़ी दुर्घटना होने की राह तक रहे हैं।

कचरा प्रबंधन! : इन लॉनों में शादी से बचा हुआ खाना और अन्य सामग्री खुले में ही फेंक दिया जाता है। शादी समारोह में बनाया जाने वाला भोजन बचने के बाद लॉन संचालक कचरे के साथ खुले में फेंक देते हैं, जो खुला होने के कारण जहरीला हो जाता है। उक्त जहरीले भोजन को शहर के मवेशी खाते हैं। पूर्व में ऐसी घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं जिनमें शादी समारोह का बचा हुआ भोजन खाकर कई मवेशियों की मौत हो गयी। इसके बाद भी इन अवैध मैरिज भवन को संचालित करने वाले तथाकथित लोगों को किसी भी तरह का कोई खौफ नज़र नहीं आ रहा है। ऐसे मैरिज लॉनों को संचालित करने के लिये किसने अनुमति दी, यह भी जाँच का विषय है।

होना चाहिये ये सुविधाएं : शासन द्वारा बनाये गये नियम कानून को माने तो लॉन संचालकों को नियमों के तहत अनुमति लेना चाहिये। इसके साथ ही साथ लॉन की भूमि पर ही पार्किंग, प्रवेश और निकासी के अलग – अलग द्वार, अग्नि शमन के लिये पर्याप्त सुरक्षा संसाधन, सुरक्षा के लिहाज़ से सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, कर्मचारियों की पहचान और सुरक्षा एजेंसी हो, स्कूल कॉलेज़ व अस्पताल के पास ध्वनि प्रदूषण न हो, पंजीयन व एन.ओ.सी. के बाद ही संचालन हो, अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों का पालन हो।

इन नियमों के पालन की बात की जाये तो किसी नियम का उक्त लॉन संचालकों के द्वारा पालन किया जा रहा होगा, ऐसा नहीं लगता। इसके बाद भी ये लॉन बनाम मैरिज भवन नगर में धड़ल्ले से संचालित हैं जिसमें मोहरी देवी भवन बनाम मैरिज लॉन, शांति निकेतन, शिवगौरी मंगल भवन, राशि लॉन आदि स्थानों पर संचालित हैं जो कई लाखों रुपये विवाह समारोह में अवैध रुप से कमाकर शासन के नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उक्त लॉनों को शासन की गाइड लाइन पर संचालित करवाने की जन अपेक्षा की जा रही है।