(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। अधिकारियों, कर्मचारियों और जन प्रतिनिधियों की दलाली से लाईलाज हो रहे अतिक्रमण नामक रोग से घनी आबादी नाली और फुटपाथ चोरों के क्षेत्र में थोड़ी सी बरसात में बाढ़ आ जाती है। इससे सड़कों पर नाले नालियों की गंदगी बहना आरंभ हो जाती है।
उक्ताशय की बात संत रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही गयी है। उन्होंने कहा कि भले ही यह बाढ़ कुछ देर में खत्म हो जाती है लेकिन इससे मकानों में सीपेज के कारण सीलन का असर होता है, जो मकानों को कमजोर करते हुए अनेक शीत जनित रोगों को फैलाता है। इसके लिये शिक्षित और समझदार लोग जिम्मेदार हैं।
अतिक्रमणग्रस्त क्षेत्रों का गहरायी से अध्ययन करते हुये रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने बताया कि पिछले 20-25 साल पहले बीम, कॉलम और सीमेंट की जुड़ाई छपाई से बने पक्के मकान, दुकान लगातार कमजोर हो रहे हैं। इनमें रहने वाले लोग सीपेज के कारण अनेक रोगों के शिकार होते देखे जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों में सर्दी, जुकाम, बुखार और निमोनिया जैसी बीमारियां आम हो गयी हैं। बुजुर्गों और महिलाओं में घुटने संबंधी रोग, वात रोग और त्वचा रोग बड़े पैमाने पर फैल रहे हैं। इससे नागरिकों की अधिकांश आमदनी बीमारियों के ईलाज में खर्च हो रही है। कुछ शीतजनित बीमारियां बड़ी तेजी से फैलती हैं जो निरोग लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेती हैं।
रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने आगे बताया कि अतिक्रमण के कारण फुटपाथ और नालियां लापता हो रहे हैं। सड़कें संकरी हो गयी हैं, जिनमें आवागमन की भारी परेशानी देखी जा सकती है। सेप्टिक टैंक के ओवर फ्लो का पानी और निस्तार का गंदा पानी सड़कों में फैल रहा है, जिसकी बदबू से अनेक संक्रामक रोग जन्म ले रहे हैं।
श्री अहरवाल ने शिक्षित नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अतिशीघ्र यदि अतिक्रमण नामक इस रोग को ठीक नहीं किया गया तो निकट भविष्य में हैजा, टीबी, फ्लू आदि जैसी महामारियां फैलेंगी, इसके लिये शिक्षित लोग जिम्मेदार होंगे।
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