मॉडल रोड में लाईट के खंबों पर लगी जंग!, सत्ताधारी भाजपा एवं विपक्ष में बैठी कांग्रेस को नहीं शहर के नागरिकों की परवाह!
(सादिक खान)
सिवनी (साई)। भाजपा शासित नगर पालिका परिषद की लगातार चली बेढंगी चाल पर प्रशासनिक अंकुश नहीं लग पाने के कारण नागरिकों में रोष और असंतोष पनपता रहा, अब लगभग दो सालों से नगर पालिका के प्रशासक के बतौर जिले के कलेक्टर पदस्थ होने के बाद भी इसमें कोई विशेष परिवर्तन नहीं दिख रहा है। शहर में लगे यातायात सिग्नल लंबे समय से बंद हैं तो दूसरी ओर मॉडल रोड पर लगी लाईट तो चालू नहीं हो पायीं पर इनके खंबे अवश्य ही जंग के हवाले हो चुके हैं।
सिवनी शहर में तीन बार से नगर पालिका पर भारतीय जनता पार्टी का राज कायम है। काँग्रेस के द्वारा चाहकर भी इस तिलिस्म को नहीं तोड़ा जा पा रहा है। पालिका में तीन बार से काँग्रेस विपक्ष में बैठी है, पर उसके द्वारा पालिका परिषद के उन रवैयों का प्रतिकार नहीं किया जा सक रहा है जिससे नागरिक परेशान हैं।
शहर में मॉडल रोड का काम अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। इसके अलावा मॉडल रोड के बीच में लगे पोल पर लाईट तो लग गयी है पर ये लाईट चालू नहीं हो पायी हैं। अभी भी सड़कों के दोनों सिरों पर लगे बिजली के खंबों पर लगी लाईट ही रात के समय रौशन रहती हैं।
शहर में मॉडल रोड के बीच में लगाये गये बिजली के खंबे और उन पर लगाये गये लैंप्स को सिल्वर रंग से पोता गया था। दो तीन सालों की बारिश में ये खंबे अब इसलिये बेनूर नजर आने लगे हैं क्योंकि इन खंबों का रजत रंग उड़ चुका है और इसके बदले इन पर जंग साफ दिखायी देने लगी है।
इतना ही नहीं नगर पालिका से छिंदवाड़ा नाके तक के हिस्से में तो सड़क के बीच में लाईट न तो लगाई गई है और ना ही इसे चालू ही किया गया है।
इसके अलावा सिवनी शहर के आधा दर्जन स्थानों पर लाखों रुपए खर्च किये जाकर तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी किशन सिंह ठाकुर के कार्यकाल में इन्हें संस्थापित कराया गया था। लोग इस बात पर आश्चर्य व्यक्त करते हैं कि ये यातायात सिग्नल शायद ही कभी एक महीने तक लगातार चालू रहे हों! अब तो लगभग ढाई साल से ये सिग्नल पूरी तरह बंद ही हैं, लोगों का कहना है कि अब ये तो खराब भी हो चुके हों तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
संवेदनशील जिलाधिकारी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग से जनापेक्षा है कि इस मामले में उनके द्वारा नगर पालिका परिषद को इस तरह के दिशा निर्देश दें ताकि मॉडल रोड की लाईट और यातायात सिग्नल्स को चालू करवाया जा सके।

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