(अलिखेश दुबे)
सिवनी (साई)। क्या टोल वसूलने वाली कंपनियों की जवाबदेही यात्री वाहनों से महज़ पैसे लेकर उन्हें रसीद देने तक ही सीमित है? जो कंपनियां बेहतर सड़क और सुविधा के नाम पर भारी भरकम टोल वसूल रही हैं (भले ही वह एनएचएआई के लिये यह कर रही हों) वे कंपनियां उसके बदले में यात्रियों को क्या दे रही हैं?
एनएचएआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि यात्रियों की जान माल की रक्षा की जिम्मेदारी, उनकी सुरक्षा, आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने की जवाबदेही टोल वसूल कर रहीं कंपनियों के साथ ही साथ सड़क का संधारण करने वाली ठेकेदार फर्म की होती है।
सिवनी से होकर गुजरने वाले फोरलेन (एनएच 07, एनएच 26) के संदर्भ में सूत्रों ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) व निर्माण कंपनी में करार के तहत अगले कई सालों तक सड़क यात्रियों से टोल लिया जायेगा। इसके तहत यात्रियों को क्या सुविधाएं दी जानी हैं, इसका करार में उल्लेख है। एनएचएआई के द्वारा लगभग छः सालों से ज्यादा समय से टोल वसूल किया जा रहा है।
उक्त संबंध में सूत्रों का कहना है कि अधिकांश स्थानों पर फोरलेन या नेशनल हाईवे पर एनएचएआई और निर्माण कंपनियों के बीच हुए करार के तहत यात्रियों को सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि एनएचएआई के उच्चाधिकारियों को भी यह भली भांति पता है कि निर्माण कंपनियां नियमों के पालन में कोताही बरतती हैं और उस क्षेत्र में पदस्थ एनएचएआई के अधिकारियों के द्वारा भी कंपनियों से उपकृत होकर करार की शर्तों का पालन कड़ाई से नहीं करवाया जाता है।
सूत्रों ने कहा कि यह निर्माण कंपनी की जवाबदेही है कि वह सड़क पर पेट्रोलिंग की व्यवस्था के साथ टोल प्लाजा पर कंट्रोल रूम बनाये! एनएच बनाने वाली कंपनी का खुद का टेलीकॉम सिस्टम हो। हाईवे के किनारे बूथ हों जहाँ से फोन करके कोई भी जरूरत पड़ने पर कंट्रोल रूम से मदद ले सके।
उधर, एनएचएआई मुख्यालय नई दिल्ली के सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो वाय.के. पाण्डेय ने बताया कि करार में तय यात्री सुविधाओं की निगरानी की जिम्मेदारी एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की होती है। इसकी मासिक रिपोर्ट सड़क परिवहन मंत्रालय व एनएचएआई को भेजी जानी चाहिये, लेकिन इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। सिवनी जिले में मोहगाँव से नरसिंहपुर जिले की सीमा तक एनएचएआई के द्वारा टोल वसूली की जा रही है।
ये सुविधाएं जरूरी
हाईवे पर एंबूलेंस में पैरामेडिकल स्टाफ, चिकित्सीय उपकरण व डॉक्टर होना चाहिये ताकि दुर्घटना की स्थिति में मदद मिल सके। एनएच पर मेडिकल एड पोस्ट हो जिसमें जीवन रक्षक दवाईयां उपलब्ध कराने की सुविधा हो। एनएच के किनारे रौशनी की व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे, क्रेन की व्यवस्था करना कंपनी की ही जिम्मेदारी है।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.