द केरला स्टोरी की हीरोईन ने कास्टिंग काउच का खोला राज!

(ब्यूरो कार्यालय)

मुंबई (साई)। फिल्म द केरल स्टोरी’ (The Kerala Story) काफी विवादों में रही है। मूवी फिर भी हिट रही है और इसके सारे एक्टर्स को भी खूब पॉपुलैरिटी मिली है। ऐसे में इसमें निमाह का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस योगिता बिहानी (Yogita Bihani) ने जनसत्ता.कॉम के साथ बातचीत की। फिल्म के विवादों पर रिएक्शन देने के साथ-साथ उन्होंने इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच को लेकर खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि लोग अप्रत्यक्ष रूप से बातों-बातों में बहुत कहने की कोशिश करते हैं। वो भी एक मीटिंग में गई थीं और होटल में इसे फेस किया था।

द केरल स्टोरीफेम एक्ट्रेस योगिता बिहानी ने कास्टिंग काउच (Yogita Bihani On Casting Couch) को लेकर खुलासा किया है, ‘मैं इससे हमेशा सुरक्षित रही। मैं बस इस पर यही कहूंगी कि जब मैंने इंडस्ट्री ज्वॉइन की थी तो मैं इन सबके बारे में नहीं जानती थी। मुझे कुछ पता नहीं था कि कास्टिंग काउच जैसी भी कोई चीज होती है। मैं बहुत ही सीधी थी। मुझे जब भी कोई प्रोजेक्ट के लिए फोन आता था तो जो भी मेरे दोस्त थे, जो मुझसे एक या दो साल पहले से एक्टिंग कर रहे थे। मैं उनको मैसेज कर दिया करती थी और उनसे उसके बारे में जान लेती थी कि ऐसा कुछ टीवी शो है और ऑडिशन होता है क्या? मैं हमेशा क्रॉस चेक करके जाती थी कि वो रियल है या नहीं।

एक्ट्रेस आगे कहती हैं, ‘एक बार मुझे याद है कि मुझे किसी प्रोजेक्ट के सिलसिले में बुलाया गया था। कुछ कॉन्ट्रेक्ट करना चाहते हैं। उन्होंने मुझे किसी होटल में बुलाया था। पर मेरा रूल था कि मैं किसी होटल में मीटिंग के लिए नहीं जाऊंगी। उन्हें इस बारे में पहले पता था कि लेकिन उन्होंने कहा था कि बस कॉन्ट्रेक्ट साइन करना है। मैं अपने दोस्त के साथ वहां गई। वो दूसरी टेबल पर बैठा था। मैं उनके साथ अलग टेबल पर बैठी थी और बात कर रही थी।

योगिता अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए होटल के किस्से को सुनाते हुए कहती हैं, ‘मुझे उस समय इतनी समझ नहीं थी कि अगर मुझे कोई कुछ कह रहा है तो उसका मतलब क्या है? मैं बहुत छोटी थी। कोई आपको डायरेक्टली कुछ नहीं कहता है। वो बातों ही बातों में कुछ कहना चाहते हैं, जैसे- तुम्हारा करियर बना दूंगा। इसी तरह लोग बात करते हैं। ऐसे में ये सारी बातें सुनकर मेरा दोस्त बोला कि मीटिंग छोड़कर चलना है तो मैंने भी कहा ठीक है और मैं निकल गई। वो मेरा पहला अनुभव था। किसी ने मुझसे कभी फोर्सफुली कुछ करने के लिए नहीं कहा। मैं उन जगहों पर बिल्कुल नहीं जाती जहां सुरक्षित नहीं महसूस करती।