रोमांस और थ्रिलर का अच्छा मिक्सचर है फिल्म ‘मलंग’

 

एक शिद्दत भरे पल से दूसरे शिद्दत भरे पल पर फिसलती फिल्म मलंग में रोमांच और रोमांस का सही तालमेल देखने को मिलता है। आदित्य राॅय कपूर और दिशा पटानी की जोड़ी रूपहले परदे पर कमाल लगी है और अनिल कपूर अपने पूरे फाॅर्म में हैं।  पहली बार मोहित सूरी की किसी फिल्म में ऐसा हुआ है कि तकरीबन हर किरदार का एक स्याह पक्ष भी सामने आया है।

दो अलग-अलग कहानियां साथ चलती हैं- एक वर्तमान की और एक पुरानी। बात शुरू हुई थी दो अजनबियों यानी अद्वैत (आदित्य राॅय कपूर) और सारा (दिशा पटानी) की गोवा में हुई एक मुलाकात के साथ। एक मुलाकात दूसरी में बदलती है, दूसरी तीसरी में और इन मुलाक़ातों संग दोनों के बीच का प्यार गहराता जाता है। अब बॉलीवुड फिल्म में प्यार हुआ है तो रुकावटें तो आनी लाजिमी हैं… सो वो आती हैं। ये तो हुई पुरानी कहानी की बात। वहीं नई कहानी में हम मिलते हैं एक नए अद्वैत से, जो एक के बाद एक हत्याएं कर रहा है। उसे पकड़ने की कोशिश में लगे हैं दो पुलिस अधिकारी यानी अंजनी अगाशे (अनिल कपूर) और माइकल (कुणाल खेमू)। अंजनी एक ऐसा अधिकारी है जो मुजरिमों को कानूनी प्रक्रिया के जरिए सजा दिलवाने की जगह उनका एनकाउंटर करने में यकीन रखता है। वहीं माइकल की छवि एक शालीन पुलिस अधिकारी की है। फिल्म में एक वक्त ऐसा आता है जब इन चारों की जिंदगी के तार एक दूसरे से जुड़ जाते हैं। एली एबराम भी फिल्म में एक खास भूमिका में हैं। शाद रंधावा जो मोहित सूरी की आशिकी 2और एक विलेनजैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं, इस फिल्म में भी हैं।

आदित्य राॅय कपूर ने इस फिल्म के लिए बाॅडी बिल्डिंग पर जो मेहनत की है, वह साफ नजर आई है। उन्होंने एक्टिंग भी अच्छी की है। दिशा पटानी ग्लैमरस दिखी हैं, एक्टिंग के मामले में वह औसत रहीं। सबसे दिलचस्प किरदार है अनिल कपूर का। एक दृश्य में वह एक अफ्रीकी ड्रग डीलर से पूछताछ कर रहे हैं जिसका कहना है कि उसे हिंदी नहीं आती और वह सिर्फ इंग्लिश में बात कर सकता है। अनिल के साथ कुछ पल बिताने के बाद वह धुआंधार मराठी बोलने लगता है।

फिल्म के कुछ संवाद बेहद दिलचस्प हैं। इसकी कहानी वैसे तो कई फिल्मों में दिखाई जा चुकी है, पर एक अच्छी पटकथा इसका असर गाढ़ा करती है।

फिल्म में कुछ बातें हजम न होने वाली भी हैं जो इसे नाटकीय और हल्का बनाती हैं। इनमें से ज्यादातर इंटरवल के बाद के हिस्से की हैं। फिल्म का अंत चौंकाता तो है पर साथ ही यह फिल्म के असर को कम भी करता है।

फिल्म काफी हद तक सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के दर्शकों को ध्यान में रख कर बनाई गई है। मसाला मनोरंजन फिल्में पसंद करने वालों को यह फिल्म पसंद आएगी।

(साई फीचर्स)